अशाेक यादव, लखनऊ। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केन्द्र और राज्य सरकारें युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की बजाय भेदभाव सिखाने, नफरत भरने, हिंसा सिखाने पर सारी ताकत लगाती है।
उन्होंने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सोमवार को बेरोजगारी के मुद्दे पर बुकलेट जारी करते हुए कहा,“ हम दुनिया के सबसे युवा देशों में हैं पर मोदी सरकार ‘डेमोग्रॅफिक डिवीडेंड’ को ‘डेमोग्रॅफिक डिजास्टर’ में बदलने में लगी है।
भाजपा और संघ परिवार देश के युवाओं की आंख पर पट्टिया बांधकर उन्हें भेड़-बकरियों की तरह बड़ा करना चाहते हैं क्योंकि पढ़ा-लिखा, प्रतिभाशाली, रोजगार मांगने वाला, तरक्की की सोचने वाला, सवाल पूछने वाला युवा भाजपा-संघ परिवार के एजेंडे के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
भाजपा युवाओं को शिक्षा और रोजगार की बजाय भेदभाव सिखाने, नफरत भरने, हिसा सिखाने पर सारी ताकत लगाती है, ताकि वे न सवाल पूछें न रोजगार मांगे, न भविष्य की बात करें न ही सरकार की नीतियों का आकलन करें।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं को दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा कर सत्ता में आए थे, मगर पिछले सात साल में 14 करोड़ नए रोजगार देना तो दूर पहले से ही रोजगार पा रहे लोगों की नौकरियां चली गईं। भारत को साल 2028 तक 34.35 करोड़ नए रोजगार सृजन करने होंगे, यानी हर साल तीन से चार करोड़ नई नौकरियां, मौजूदा गति से भाजपा सरकार को इतनी नौकरियां देने में 1,560 साल का समय लगेगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि युवाओं के प्रति बेरुखी का आलम यह है कि अकेले केंद्र सरकार में 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं और लगभग 30 लाख सरकारी पद राज्यों में भी खाली हैं। युवा धक्के खा रहे हैं और सरकारी खाली पद भी न भरकर पैसा बचा रही हैं।
सेंटर फॉर इकोनॉमिक डाटा एंड एनालिसिस के मुताबिक साल 2016-17 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 5.10 करोड़ लोग नौकरी करते थे।
साल 2020-21 में इनकी संख्या 46 प्रतिशत कम होकर मात्र 2.70 करोड़ रह गई है।