अशाेक यादव, लखनऊ। मैनपुरी के करहल में गुरूवार को समाजवादी पार्टी के विजय रथ में अपनी तस्वीर को लेकर भारतीय जनता पार्टी के तंज पर पलटवार करते हुये प्रगतिशील पार्टी संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी एकता की प्रतीक तस्वीर से भाजपा की बौखलाहट बढ़ गयी है। इस आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुटकी लेते हुये कहा कि एक जमाने में मुलायम के खास सिपहसलार होने वाले शिवपाल की दुर्गति हो गयी है।
दरअसल, करहल से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरूवार को अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ एक रोड शो किया था जिसकी तस्वीर ट्विटर पर साझा की गयी थी। इनमे से एक तस्वीर में शिवपाल अपने बड़े भाई मुलायम के पीछे खड़े है जबकि अखिलेश उनके बगल में बैठे मुस्करा रहे हैं।
इस तस्वीर को निशाना बनाकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया था “ चाचा को ना चुनाव लड़ने के लिए सीट मिली ना रथ में बैठने के लिए…वैस भतीजे को भी 10 मार्च को अपनी सीटें ढूंढ़ना मुश्किल हो जाएगा। भाजपा नेता के ट्वीट के बाद शिवपाल ने पलटवार करते हुये लिखा “ इटावा की इस समाजवादी एकता की प्रतीक तस्वीर के आने के बाद भाजपा की बौखलाहट बढ़ गई है। नकारात्मकता, अशांति पैदा करना। व्यक्तिगत हमला व चरित्र हनन। यही भाजपा का हथियार है। भाजपा के शब्दकोष में तरक्की और विकास जैसे शब्द नहीं हैं। थोड़ा इंतजार करिये, 10_मार्च_भाजपा_साफ।”
उधर मैनपुरी में एक चुनावी सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल की चुटकी लेते हुये कहा “ शिवपाल यादव कभी मुलायम सिंह के खास सिपहसालार हुआ करते थे,कल उन्हें बैठने को हत्था मिला,वे मुंह लटकाये खड़े रहे। कैसी दुर्गति कर दी है अखिलेश ने उनकी। मैं कल देख रहा था कि सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव नामांकन के लिए करहल आए थे,तब उन्होंने कहा अब दोबारा सर्टिफिकेट लेने के लिए आऊंगा लेकिन एसपी सिंह बघेल ने उनको पांचवें दिन ही यहां आने पर मजबूर कर दिया। उनकी स्थिति आसमान से टपके और खजूर पर अटके वाली हो गई है।”