अशाेक यादव, लखनऊ। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र में कोविड-19 का टीका मुफ्त देने का वादा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है।
आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले की शिकायत पर जवाब देते हुए आयोग ने कहा कि उसने पाया कि इस मामले में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है। आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि गोखले ने दावा किया था कि मुफ्त टीके का वादा पक्षपातपूर्ण और चुनाव के दौरान केंद्र सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग है। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने आचार संहिता के आठवें खंड में चुनाव घोषणा पत्र को लेकर जारी दिशा निर्देश का हवाला देते हुए निष्कर्ष निकाला कि मुफ्त टीके का वादा नियमों का उल्लंघन नहीं करता है।
निर्वाचन आयोग ने एक प्रावधान का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में कहा गया है कि राज्य नागरिकों के कल्याण के लिए योजनाएं बनाएगा और ऐसे में चुनाव घोषणा पत्र में ऐसी कल्याणकारी योजना को लागू करने के वादे पर कोई आपत्ति नहीं हो सकती।
आयोग ने एक अन्य प्रावधान को रेखांकित करते हुए कहा कि मतदाताओं का भरोसा केवल उन्हीं वादों के भरोसे हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए, जिन्हें पूरा किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग ने अपने जवाब में कहा कि यह साफ किया जाता है कि चुनावी घोषणा पत्र पार्टियों और उम्मीदवारों द्वारा किसी खास चुनाव के संदर्भ में जारी किए जाते हैं।