अशाेेेक यादव, लखनऊ। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के छह साल के कार्यकाल में देश को सिर्फ सब्जबाग दिखाये गये तथा मुट्ठी भर अमीरों की तिजोरी भरकर गरीबों का शोषण किया गया, लोग बेबस बने रहे तथा सरकार बेरहम बनकर काम करती रही।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में मोदी सरकार के छह साल के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने न्यूनतम प्रशासन और अधिकतम शासन का नारा दिया था लेकिन वह इसके ठीक विपरीत साबित हुई है जिसमें देश की जनता पूरी तरह से बेबस तथा सरकार बेरहम बनी रही।
उन्होंने कहा कि इस दौरान दुनिया ने मोदी निर्मित मानव त्रासदी और बिना सोचे समझे लगाए गये लॉकडाउन के कारण लोगों की दुर्दशा का मंजर देखा है। मोदी सरकार ने मानवीय त्रासदी को पहले नोटबंदी के रूप में पेश किया जब उसके निर्णय से बैंकों की लाइनों में खडे रहते हुए कई लोगों के दम निकल गये और फिर अधूरा जीएसटी लागू कर देश की अर्थव्यवस्था को तबाह किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार का सबसे क्रूर रूप कोरोना महामारी रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के रूप में देखने को मिला जब रोजी रोटी छिन जाने के कारण हजारों लोग सड़कों पर पैदल चलते रहे और भूखे प्यासे अपने घरों की तरफ निकलने लगे।
यह त्रासदी लॉकडाउन के आरंभ से ही देखने को मिली है और अब तक यह मंजर हर दिन देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि माेदी सरकार का 2019 का साल भारी निराशा और कुप्रबंधन तथा जनता के लिए पीड़ा से भरा रहा।
इस सरकार ने छह साल में भटकाव की राजनीति की और झूठे शोर शराबे के साथ शासन किया जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है, उद्योग धंधे बंद हैं और मेक इन इंडिया ठप है लेकिन बेबस लोगों पर मोदी सरकार बेरहम बनकर काम कर रही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी को देश की जनता की चिंता है और इसलिए वह सरकार को जनहित में कई तरह के सुझाव भी देती रही। कांग्रेस हर मुद्दे पर इस सरकार को अपने सुझाव दे रही है ताकि बेहतर तरीके से देश की जनता की सेवा की जा सके लेकिन सरकार इन सुझावों को लेकर असंवेदनशील बनी रही।
इस सरकार ने इस दौरान न सिर्फ विपक्ष के सुझावों को नजरअंदाज किया है बल्कि वह संवैधानिक संस्थाओं की भी अनदेखी करती रही हे और उनको लगातार कुचलने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार की कोई नीति नहीं है इसलिए विकास पिछले छह साल के दौरान मजाक बन गया है।
इस दौरान देश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गयी है तथा बेरोजगारी 45 साल में इस अवधि में सबसे ज्यादा दर्ज की गयी, छोटे, लघु एवं मझौते बर्बाद हो गये हैं, जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की दर लगातार घटर रही है, अर्थव्यवस्था ढह गयी है और आर्थिक संकट निरंतर गहराता जा रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन विपरीत स्थितियों में आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं।
मोदी सरकार की इन छह साल की उपलब्धियों पर उन्होंने तीखे प्रहार किए और कहा कि इस दौरान सिर्फ लोगों को बहकाने के प्रयास हुए हैं और लूट खसोट होती रही है।
बैंकों को छह लाख 66 हजार करोड़ रुपये का चूना इस दौरान लगाया गया और रुपया लगातार कमजोर हुआ है। कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की लेकिन वह भी जुमला ही साबित हुआ है।
उसका ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा सिर्फ भाजपा का विकास बनकर रह गया है। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार के कार्यकाल पर एक पुस्तिका ‘बेबस सरकार बेबस लोग’ भी जारी की जिसमें उसकी विफलताओं का बिंदुवार उल्लेख किया गया है।