- यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन बनाने की तैयारियॉ की जाए : प्रमुख सचिव
- माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाओं को समयबद्ध ऑनलाइन करें : महानिदेशक
अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ: प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविर कार्यालय में आयोजित माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा की गुणवत्ता में निरन्तर सुधार आ रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता आयी है। उन्होने विगत वर्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा का सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षा को और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बोर्ड परीक्षा के लिए चयनित परीक्षा केन्द्रों पर विशेष ध्यान दिया जाये। जिससे की परीक्षायें सुचिता पूर्ण सम्पन्न करायी जाये। उन्होने माध्यमिक विभाग के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों के संबंध में निर्देशित करते हुये कहा कि निर्माण कार्यों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ सम्पन्न किया जाये। साथ ही मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कार्यों को भी निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाये। उन्होने नयी शिक्षा नीति के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग में कराये जाने वाले कार्यों को गम्भीरता से लेने को कहा।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के पश्चात उनकी पेंशन अथवा देयकों का भुगतान समयसीमा के अन्तर्गत किया जाये, इसमें किसी प्रकार का विलम्ब न किया जाये। साथ ही विभाग के कार्मिकों के पदोन्नति के संबंध में क्या कार्यवाही की गयी है उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। उन्होने कहा कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति एवं उनके देयकों का भुगतान सुनिश्चित किया जाये।
श्रीमती गुलाब देवी ने माध्यमिक शिक्षा में रिक्त पदों पर नियुक्ति किये जाने हेतु उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजने के निर्देश दिये है। उन्होने सहायता प्राप्त विद्यालयों में तृतीय एवं चतुर्थ कर्मचारियों की भर्ती किये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होने माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशकों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को वहां संबधित समस्याओं का निराकरण कराने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार तथा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग की सभी मूलभूत सुविधाओं को दुरूस्त किया जा रहा है। इसलिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का दायित्व है कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वाहन पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से करे। अपने पटल पर आने वाले लोगों की समस्याओं को नम्रता से सुने तथा उनका समाधान करें। अपनी कार्यक्षमता को ऐसा विकसित करे, जिससे कि विभाग सराहना की जाये।
प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कहा कि शिक्षा स्तर को और अधिक मजबूत करने के लिए जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारीगण आपस में समन्वय स्थापित करें। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नई तकनीक को सीखने तथा उसका अधिक से अधिक उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन बनाने की तैयारियॉ की जाए। उन्होंने कहा कि सभी लोग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दें तथा खेल-कूद व एनसीसी को बढ़ावा दें।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने समीक्षा बैठक में उपस्थित सभी मण्डलों एवं जनपदों के संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक तथा जिला विद्यालय निरीक्षकों को बैठकों का अनुपालन निचले स्तर पर कराये जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होने अधिकारियों का हौसला आफजायी करते हुये एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया। उन्होने मॉडल विद्यालय बनाये जाने की विस्तृत चर्चा की। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मॉडल विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये। स्कूलों को स्किल हब के रूप में विकसित किया जाना है। उन्होने माध्यमिक विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अधिष्ठान से संबधित सेवाओं को पूरी तरह से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किये जाने हेतु समय सीमा निर्धारित की। उन्होने माध्यमिक विभाग के अधिकारियों को मानव संपदा पोर्टल पर 15 दिनों के अन्दर शिक्षकों का आंकड़ा अपडेट किये जाने के निर्देश दिये है।
बैठक में विशेष सचिव रूपेश कुमार, डा0 वेदपति मिश्रा, केके गुप्ता, एसपी सिंह, निदेशक माध्यमिक महेन्द्र देव सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।