अशाेक यादव, लखनऊ। महिलाओं को स्वयं की शक्ति को पहचानना होगा, अपनी आत्मरक्षा तथा आत्म सम्मान के लिए सामने आना पड़ेगा। ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य,सफाई शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाना जरूरी है, इसके बेहतर परिणाम होंगे,इसके परिणाम तत्काल नहीं दिखाई पड़ेंगे, लेकिन कुछ वर्षों में एक मजबूत व्यवस्था देखने को मिलेगी।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर केजीएमयू द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू के चिकित्सकों को गांव को गोद लेना चाहिए, ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों से मिलना चाहिए, उनके साथ भोजन करना चाहिए। जिससे आपस में एक मजबूत संबंध का निर्माण हो सके।
उन्होंने कहा कि बेटियों को स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए,अपने भोजन में फलों को तथा सब्जियों को शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी दिन बच्चियों को बुलाकर अपने सामने राजभवन में सलाद खिलाएंगी। राज्यपाल ने कहा कि बेटियों का स्वास्थ्य बेहद जरूरी है, क्योंकि यही बेटियां आगे चलकर मां बनती है। इसलिए इनका स्वास्थ उच्च कोटि का होना आवश्यक है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने गरीब महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही धनवंतरी सेवा केंद्र की महिलाओं को सम्मानित भी किया। केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशन सेंटर में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर महिला शक्ति प्रोत्साहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
वहीं इस अवसर पर केजीएमयु के कुलपति ले.जन.डा. बिपिन पुरी ने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सप्ताह विश्व की सभी महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है । मौजूदा दौर में महिलाएं सामाजिक, राजनितिक, न्यायिक एवं सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर आगे बढ़ रही है। कार्यक्रम के अवसर पर प्रो. पुनीता मानिक , प्रो.उमा सिंह ,प्रो.एस.एन.शंखवार ,प्रो.शैली अवस्थी, डॉ प्रज्ञा तथा राजेश पाण्डेय उपस्थित रहे।