अशाेेेक यादव, लखनऊ। भारत में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप लगातार बढता जा रहा है। इसके बचाव के नए-नए तरीके अपनाएं जा रहे हैं। वहीं इस इलाज के लिए कारगर बताए जा रहे प्लाज्मा थेरेपी को लेकर निराश करने वाली खबर सामने आई है।
महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी से गुजरने वाले पहले कोविड-19 मरीज की लीलावती अस्पताल में बुधवार देर रात मौत हो गई। 53 साल के मरीज की हालत गंभीर थी और उसे आईसीयू में रखा गया था। उसे कोरोना के कारण निमोनिया हो गया था। नतीजतन उसकी स्थिति बिगड़ती गई।
25 अप्रैल को लीलावती अस्पताल में भर्ती किए गए मरीज की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई थी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से ट्रायल के लिए प्लाज्मा थेरपी की अनुमति मिलने के बाद इस मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया था।
अस्पताल के सीईओ डॉक्टर वी. रविशंकर ने बताया कि मरीज को 200 एमएल प्लाज्मा चढ़ाया गया था। आगे उसे और प्लाज्मा देना था, लेकिन उसकी स्थिति बिगड़ती देख ऐसा नहीं किया जा सका।
बता दें कि मरीज के मौत के बाद प्लाज्मा थेरपी पर शंका के बादल छाने लगे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि प्लाज्मा थेरपी का अब तक कोई मानक इलाज नहीं है। इसलिए इसे ट्रायल की तरह ही देखा जा रहा है।