अशाेेेक यादव, लखनऊ। महाराष्ट्र में विधान परिषद की 9 खाली सीटों पर 21 मई को चुनाव होने थे। लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि 3 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है। जिसके बाद अब मैदान में सिर्फ 9 प्रत्याशी ही रह गए थे।
इसी वजह से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निर्विरोध रूप से महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य चुन लिया गया है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ अन्य लोग राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुने गए हैं।
इसी के साथ सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर छाया संवैधानिक संकट टल गया।
बता दें कि महाराष्ट्र की नौ विधान परिषद सीटों के लिए 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था।
मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार शहबाज राठौर का नामांकन रद्द हो गया था।
इसके अलावा चार उम्मीदवारों ने मंगलवार को ही अपने नाम वापस ले लिए थे।
इस तरह से नौ सीटों के लिए सिर्फ नौ उम्मीदवार ही बचे थे।
विश्व भर में अब तक 41 लाख से अधिक लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि, भारत में कोरोना संक्रिमितों की संख्या 70 हजार के पार
जिसके चलते सभी निर्विरोध चुन लिए गए।
इस चुनाव के बाद 59 वर्षीय ठाकरे पहली बार विधायक बने हैं।
उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उन्हें 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था।
पहली बार विधान परिषद के सदस्य चुने गए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे 143 करोड़ 26 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति के मालिक हैं।
इसके अलावा उद्धव ठाकरे पर 15 करोड़ 50 हजार रुपये की देनदारी भी है।
उनके खिलाफ 23 मामले दर्ज हैं और वो दो बंगलों के मालिक हैं।
लेकिन उनके पास एक भी कार नहीं है।
एनसीपी ने दो सीटों के लिए चार उम्मीदवारों से नामांकन दाखिल कराए थे।
एनसीपी से अतिरिक्त नामांकन भरने वाले किरण पावस्कर और शिवाजीराव गरजे दोनों ने मंगलवार को अपना नाम वापस लिया था।
इसके साथ ही एनसीपी के शशिकांत शिंदे और अमोल मिटकरी के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया था।
शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नीलम गोर्हे विधान परिषद के लिए चुनावी मैदान में थीं।
कांग्रेस से राजेश राठौर उम्मीदवार थे।