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महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती: राज्यपाल

अशाेक यादव, लखनऊ। रविवार को राजभवन में हरिजन सेवक संघ द्वारा आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती वर्ष मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित वेबिनार नए युग में गांधी-विनोबा का आयोजन किया गया।

वेबिनार को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती है, बल्कि उसकी प्रासंगिकता युगों-युगों तक कायम रहती है। समाज उनके विचारों से सदैव मार्गदर्शन प्राप्त करता रहता है।

पटेल ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे ने गांधी जी के मार्ग को अपनाया और जीवन भर वह उनके आदर्शों पर चलते रहे। संत स्वभाव के होने के बावजूद आचार्य विनोबा में राजनीतिक सक्रियता भी थी। उन्होंने कहा कि विनोबा भावे की जन नेतृत्व क्षमता से प्रभावित होकर चंबल के 20 डाकुओं ने आत्मसमर्पण किया था।

आचार्य विनोबा भावे के जीवन से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उनकी पूरी जीवन-यात्रा समाज के उत्थान के लिए थी। उनके द्वारा बताई गई बातें लोगों को सही और सफल मार्ग पर ले जाने में सहायक हैं।

राज्यपाल ने कहा कि आचार्य का कहना था कि नेतृत्व वही सफल हो सकता है, जो सबको साथ लेकर, सबका अपना होकर चले। आचार्य के नेतृत्व का कद बहुत ऊंचा था, क्योंकि उन्होंने सभी को समान रूप से अपनाया और उपलब्धियों में सबको सहभागी माना। वेबिनार में हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार सान्याल, सचिव डॉ. रजनीश कुमार, प्रोफेसर एन राधाकृष्णन सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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