नयी दिल्ली। भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के विभिन्न शहरों से अपने नागरिकों को बाहर निकालने में मदद करने के लिये शुक्रवार को यूक्रेन, रूस और रेडक्रॉस का आभार व्यक्त किया । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर अपने पोस्ट में खास तौर पर यूक्रेन के उत्तर पूर्वी शहर सूमी से भारतीय छात्रों की निकासी का उल्लेख किया जो ‘बेहद चुनौतीपूर्ण’ था।
उन्होंने ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने में ‘अभूतपूर्व सहयोग’ के लिये यूक्रेन के पड़ोसी देशों रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और माल्दोवा को भी धन्यवाद दिया । जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर शुरू किये गए ‘ऑपरेशन गंगा’ ने नेतृत्व और प्रतिबद्धता दोनों को प्रदर्शित किया और ”इस उद्देश्य की पूर्ति में सहयोग के लिए सभी के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं ।
” उन्होंने कहा, ” निकासी में सहयोग के लिये हम खास तौर पर यूक्रेन, रूस और रेडक्रॉस के प्रशासन का आभार प्रकट करते हैं। यूक्रेन के पड़ोसी देशों… रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और माल्दोवा ने हमें अभूतपूर्व सहयोग दिया । उन्हें हम धन्यवाद देते हैं । ” उल्लेखनीय है कि भारत सरकार, 24 फरवरी से रूस के सैन्य अभियान शुरू होने के बाद पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों को वहां से निकलने में मदद करने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत एक चुनौतीपूर्ण निकासी अभियान चला रही है।
सूमी से 600 छात्रों को निकालने का अभियान मंगलवार को सुबह शुरू हुआ। सूमी से निकाले गए 600 छात्रों के एक बड़े अंतिम समूह को वापस लाने के लिए भारत ने पोलैंड के लिए तीन उड़ानें भेजी हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के दो दिन बाद शुरू किये गए ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत अब तक करीब 18 हजार भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है। जयशंकर ने कहा, ” हम इस अभियान में अथक परिश्रम से योगदान देने वाले एनजीओ, स्वयंसेवकों, कारपोरेट समूहों, हमारी विमानन सेवाओं, भारतीय वायु सेना के आभारी हैं ।
” विदेश मंत्री ने इस निकासी अभियान में मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजीजू और वी के सिंह की भूमिका की सरहना की । उन्होंने कहा, ” यूक्रेन में अपने दूतावास और विदेश मंत्रालय की टीम की, संघर्ष के इस कठिन समय में उनके समर्पित प्रयासों के लिये हम सराहना करते हैं।