नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया। दूध, छाछ, दही, पनीर, आइक्रीम के साथ ही आलू टिक्की, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है। ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है। मोदी ने तीन दिवसीय गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज गुजरात के बनासकांठा में डेयरी प्लांट समेत कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने नमस्ते कह कर उपस्थित सभी लोगों से गुजराती में पूछा कि बधा मजा मां हवे जरा तमारी क्षमा मांगी ने शरूआत मां मारे थोडू हिंदी मां बोलवुं पड़से, बाबा बन्या ऐटले हिंदी बोलना पडेगा न। कारण के आ मीडीया वाणा मित्रों नी विनंती हती के साहेब हिंदी मां बोलो तो सारू। मने थयुं के बधु तो नहीं पण थोडूघणूं जरा ऐमने हाचवी लइये। (आप सभी मजे में हैं। अब जरा आपकी क्षमा मांग कर शुरूआत में मुझे हिंदी में बोलना पड़ेगा। बाबा बने इसलिए हिंदी बोलना पड़ेगा न। मीडिया के मित्रों ने विनती की थी कि साहब हिंदी में बोलना। मुझे लगा कि थोड़ा उनके लिए हिंदी में बोला जाए )
पीएम मोदी ने कहा कि शायद जीवन में पहली बार एसा अवसर आया होगा कि एक साथ डेढ़, दो लाख माताएं बहनें आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं। हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं। आपके आशीर्वाद मां जगदंबा की भूमि की माताओं के आशीर्वाद मेरे लिए एक अनमोल आशीर्वाद हैं। अनमोल शक्ति, अनमोल उर्जा का केंद्र है। मैं बनास की सभी माताओं को आदर पूर्वक नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 1-2 घंटों में मैं यहां अलग-अलग जगहों पर गया। डेयरी सेक्टर से जुड़ी सरकारी योजनाओं की लाभार्थियों पशु पालक बहनों से मेरी विस्तार से बात हुई। ये जो नया संकुल बना है। पोटेटो प्रोसिसंग प्लांट है वहां भी विजीट करने का अवसर मुझे मिला। इस पूरे समय के दौरान मुझे जो कुछ भी जानकारियां दी गई उससे मैं बहुत प्रभावित हूं।
साथ ही कहा कि मैं डेयरी के सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत में गांव की अर्थव्यवस्थाओं को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को ताकत दे सकता है, ये सब कुछ यहां प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि अब बताइये आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया। दूध, छाछ, दही, पनीर, आइसक्रीम के साथ ही आलू टिक्की, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है। ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है।