अशाेक यादव, लखनऊ। लोक जनशक्ति पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर अपने दम पर बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला लिया है। लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में रविवार को यह फैसला लिया गया। हालांकि पार्टी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी से उसकी कोई कटुता नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व उसे मंजूर नहीं है।
लोजपा ने यह भी ऐलान कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर जीत हासिल करने वाले लोजपा विधायक भाजपा के ही साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाएंगे।
लोजपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में राज्य स्तर पर गठबंधन में शामिल जनता दल-युनाइटेड से वैचारिक मतभेद के कारण पार्टी ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
हालांकि लोजपा ने इस बयान में यह नहीं बताया है कि पार्टी कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन इससे पहले पार्टी की ओर से कई बार कहा गया है कि प्रदेश की 143 विधानसभा सीटों पर तैयारी मुक्कमल है, जहां लोजपा अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
राजग गठबंधन में लोजपा 42 सीटें मांग रही थी। लेकिन अब पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और जदयू से वैचारिक मतभेद को गठबंधन से अलग होने का कारण बताया है।
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों ने पार्टी के संस्थापक व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की सेहत के संबंध में चर्चा की और ईश्वर से उनके जल्द वह स्वस्थ होकर सबके बीच आने की कामना की।
लोजपा ने बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट’ विजन डॉक्यूमेंट प्रदेश में लागू करने के अपने संकल्प को दोहराया। पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर और लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ लोक जनशक्ति पार्टी का मजबूत गठबंधन है।
लोजपा ने कहा, “राज्य स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जनता दल (युनाइटेड) से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।” पार्टी ने कहा कि कई सीटों पर जदयू के साथ उसकी वैचारिक लड़ाई हो सकती है। उन सीटों पर जनता निर्णय करे कौन सा प्रत्याशी बिहार के हित में बेहतर है।
पार्टी ने कहा, “लोक जनशक्ति पार्टी बिहार फस्र्ट बिहारी फस्र्ट विजन डॉक्यूमेंट लागू करना चाहती थी, जिस पर गठबंधन में समय रहते सहमति नहीं बन पाई।” लोजपा ने कहा कि चुनाव परिणाम आने पर जीत हासिल करने वाले पार्टी के सभी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे।