अशाेेेक यादव, लखनऊ। बिहार के गोपालगंज जिले में 263 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट पुल टूट गया है। जिसका उद्घाटन बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 29 दिन पहले किया था। जो 18 किलोमीटर लम्बा है।
पुल टूटजाने के कारण आवागमन बाधित हो गया है। इस बीच मांझा प्रखंड के भैसही गांव समीप सारण मुख्य तटबंध में तेजी से हो रहे रिसाव से ग्रामीणों में दहशत फैल गयी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्तरघाट पुल का एक भाग टूटने का आरोप लगाया।
सरकार के सूचना व जनसंपर्क विभाग ने बताया कि टूटा एप्रोच पथ सत्तरघाट पुल से दो किमी दूर स्थित एक छोटे पुल से जुड़ा था। यह पुल गंडक के बांध के भीतर गोपालगंज की ओर तथा 18 मीटर लंबा है।
गंडक के दबाव के कारण इसका पहुंच पथ टूट गया है। हालांकि, छोटा पुल भी सुरक्षित है। राज्य सरकार ने कहा है कि सत्तरघाट पुल सुरक्षित है और पानी का दबाव कम होने पर इसपर आवागमन बहाल कर दिया जाएगा।
बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सत्तरघाट पुल के ध्वस्त होने की झूठी खबर फैलाने का आरोप लगाया है। गुरुवार को एक वीडियो ट्वीट कर नंद किशोर यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर फैला रहे हैं।
इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है। सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुंच पथ (एप्रोच पथ) कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर स्थित है।
जानकारी के अनुसार वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सारण तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। तटबंधों पर पानी का दबाव बढ़ने से गुरुवार की सुबह प्रखंड के भैसही गांव के समीप सारण मुख्य तटबंध में तेजी से पानी का रिसाव होने लगा।
बांध में रिसाव होते देख आसपास के ग्रामीणों में दहशत फैल गई। मुखिया संजय सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण बोरी में मिट्टी व बालू भरकर रिसाव की मुहाने को बंद करने का प्रयास किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि बांध में रिसाव की सूचना बाढ़ नियंत्रण विभाग व जिला प्रशासन को दिया गया है। प्रशासन के नहीं पहुंचने के कारण स्थानीय लोग खुद मिट्टी व बालू भरकर बांध को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।