लखनऊ। ओला और ऊबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाली बाइक बोट कंपनी के लखनऊ, दिल्ली और नोएडा स्थित 12 ठिकानों पर ईडी ने शनिवार को छापेमारी की। छापेमारी के दौरान ईडी के हाथ कई अहम दस्तावेज लगे हैं, जिनसे मनी लॉन्ड्रिंग की अहम कड़ियां जुड़ रही हैं।
बाइक बोट कंपनी के खिलाफ नोएडा में 55 और लखनऊ में कैंट व अलीगंज में एफआईआर दर्ज हैं। बाइक बोट कंपनी ने करीब 1.75 लाख निवेशकों को मोटे मुनाफे का लालच देकर 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश करवाए। इसके बाद लोगों को उनका तय मुनाफा और मूल नहीं लौटाया गया।
ईडी के मुताबिक शनिवार को अलग-अलग टीमों ने बाइक बोट लखनऊ में गोमतीनगर के विजय खंड, विवेक खंड, राजाजीपुरम व पारा समेत छह ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें एक न्यूज चैनल का दफ्तर भी है। इसके अलावा नोएडा के चार और दिल्ली के दो ठिकानों पर भी दस्तावेज खंगाले गए।
ईडी की टीमों ने पैंटल टेक्नॉलजी, पाइमेक्स प्लास्टिक्स, पाइमेक्स ब्रॉडकॉस्ट व प्रेरणा सर्विसेज के ठिकानों पर छापे मारे। पहले ये कंपनियां विजिंदर सिंह उर्फ विजिंदर हुड्डा के नाम पर थीं। बाद में इन कंपनियों को बाइक बोट टैक्सी कंपनी के संचालक पूर्व बीएसपी नेता संजय भाटी ने खरीद लिया।
संजय भाटी ने इन्हीं कंपनियों के जरिए निवेशकों द्वारा जमा की गई रकम इधर से उधर की। इसके अलावा ईडी ने बाइक बोट कंपनी से जुड़े मार्स ग्रुप, अकॉर्ड हाइड्रोलिक्स, भसीन इन्फोटेक, नोबेल बिल्डटेक नामक कंपनियों के दफ्तर भी खंगाले।
ईडी ने संजय भाटी से जुड़ी दो और कंपनियों गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स व गर्वित आटोमोटिव के ठिकानों पर भी छापेमारी की। गर्वित आटोमोटिव के कई वाहन एक निजी चैनल संचालक के यहां लगी थीं। ईडी ने चैनल में संजय भाटी की हिस्सेदारी को लेकर चैनल के ठिकानों पर भी दस्तावेज खंगाले।
ईडी की पड़ताल के मुताबिक पोंजी स्कीम संचालक संजय भाटी ने निवेशकों की रकम से खुद के और अपने करीबियों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदीं। निवेशकों की रकम को बोगस लोन, ट्रस्ट में निवेश और दान के नाम पर भी इधर से उधर किया गया। फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की रकम काले से सफेद की गई। संजय भाटी ने अपने करीबियों व दोस्तों के नाम पर कई शेल कंपनी बनाई और निवेशकों की रकम उनके जरिए भी खपाई।