अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ।यू०पी० रोडवेज इम्पलाइज यूनियन ने अपनी प्रमुख 18 मांगों के साथ चारबाग बस अड्डे पर किया सम्मेलन।यूनियन के सदस्यों ने विशेष प्राथमिकी के आधार पर का कि बसों का स्पयेर पार्टस व टूल्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए । आपको बताते चलें कि यह प्रत्येक चालक परिचालक की समस्या है कि उन्हें आपकी बस छोटी – बड़ी खराबी को दुरुस्त करने के लिए डिपो से कोई सहायता नहीं मिली है। और अपने निजी खर्चे पर ही बसों को ठीक करवाना पड़ता है। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनके किलोमीटर / वेतन पर इसका सीधा असर पड़ता है।
प्रमुख मांगें:-
1) अनुबन्धित बसों के मालिकों को अपना परिचालक रखने की अनुमति न दी जाए।
2) उ०प्र० परिवहन निगम के प्रत्येक क्षेत्रों के किसी भी डिपों को बाहरी व्यक्ति को बसों की मरम्मत व खराबी ठीक करने की अनुमति न दी जाए।
3) अवशेष मंहगाई भत्ते की किस्तें देये तिथि से तत्काल भुगतान करायी जाए।
4) मृतक आश्रितों की नियमित नियुक्ति तत्काल की जाए।
5) सन् 2001 तक संविदा चालक / परिचालकों को नियमित किया जाए।
6) नार्मस के अनुसार अनुषांगिक पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए।
7) संविदा चालक / परिचालकों को क्रमशः नियमित नियुक्ति अभिलेखीय आधार पर की जाए।
8) मार्गों का शत् प्रतिशत राष्ट्रीयकरण किया जाए।
9) आउटसोर्स तकनीकी कर्मचारियों को परिवहन निगम से आबद्ध किया जाये तथा उनका पारिश्रमिक बढ़ाया जाए।
10) निजी बसों व परिवहन निगम की बसों का अधिभार समान किया जाए।
11) आउटसोर्स के माध्यम से रखे गये कम्प्यूटर आपरेटरों को निगम से आबद्ध किया जाए, लिपिकीय संवर्ग में समायोजित करने की कार्यवाही की जाए।
12) बसों का स्पयेर पार्टस व टूल्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।
13) यूरो-6 बसों की तकनीकी खराबी की जानकारी कम्प्यूटराइज मैकेनिकों से ही होती है, अस्तु प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटराइज मैकेनिक नियुक्त किया जाए।
14) वेतन विसंगति दूर की जाए।
15) अवैध संचालन व डग्गामारी रोकी जाए।
16) संविदा चालक / परिचालकों का प्रोत्साहन भत्ता बढ़ाया जाए।
17) जैम पोर्टल से नियुक्ति बन्द की जाए।
18) संचित हानि को अंश पूँजी में सम्मिलित कराया जाए।