अशाेक यादव, लखनऊ। बलिया के दुर्जनपुर कांड में पुलिस ने शनिवार को क्रास केस दर्ज कर लिया। हालांकि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर हुई। इसमें गांव के प्रधान कृष्णा यादव व मृतक जयप्रकाश पाल गामा समेत 21 लोग शामिल हैं।
मुकदमे में नामजद आरोपितों के साथ ही 25-30 अज्ञात पर बलवा, प्राण घातक हमला, सम्पत्ति का नुकसान, जान से मारने की धमकी आदि धाराओं में मुकदमा कायम हुआ है। पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है।
इलाके के दुर्जनपुर गांव में 15 अक्तूबर को हुई घटना में एक पक्ष से पुलिस ने आठ नामजद व 25 अज्ञात के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। हालांकि इस मामले पुलिस ने आरोपित पक्ष का केस दर्ज नहीं किया तो मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्लू की भाभी आशा ने कोर्ट में 156 (3) के तहत वाद दाखिल कर दिया।
शुक्रवार को न्यायालय ने इस पर सुनवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। एसओ रेवती प्रवीण कुमार सिंह का कहना है कि कोर्ट के निर्देश पर शनिवार को 21 नामजद व 25-30 अज्ञात के खिलाफ धारा 147,148, 149, 323, 336, 307, 308, 504, 506, 7 सीएल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उनका कहना है कि इस प्रकरण की छानबीन की जा रही है।
दुर्जनपुर कांड में शनिवार को दूसरे पक्ष से पुलिस ने 21 के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है। इसमें मृतक जयप्रकाश पाल गामा का नाम भी शामिल है। इसके अलावे प्रधान कृष्णा यादव, उसके पुत्र अमित, अभिषेक, योगेश के साथ ही छोटा भाई विजय का नाम शामिल है।
इसी प्रकार मृतके गामा के भाई ओम प्रकाश पाल, चचेरे भाई चन्द्रमा पाल व श्रवण पाल का नाम है। आरोपितों में अजय यादव, परशुराम यादव, धर्मेन्द्र यादव, संतजी यादव उर्फ भोला, रामबाबू यादव, मुकेश यादव, चुनमुन यादव, राजकुमार पासवान, मुन्ना पासवान, अर्जुन गोंड, गुप्तेश्वर गोंड, मुक्तेश्वर गोंड शामिल हैं।
दुर्जनपुर कांड के बाद से गांव में पुलिस का पहरा चल रहा है। शुरुआती दिनों में पूरा गांव खाकी के साये में रहा। हालांकि अब सिर्फ दोनों पक्षों मृतक जयप्रकाश पाल गामा व मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्लू के घर पर पुलिस बल तैनात है।
शनिवार को भी दोनों जगहों पर चार-चार इंस्पेक्टर, पांच-पांच सब इंस्पेक्टर, 24-24 सिपाही तथा डेढ़-डेढ़ सेक्शन पीएसी के जवान तैनात थे। इनके अलावे एक एसडीएम व एक सीओ की भी दुर्जनपुर में तैनाती की जा रही है। उक्त दोनों अफसर दोनों जगहों की सुरक्षा-व्यवस्था का जिम्मा सम्भाल रहे हैं। सूत्रों की मानें यह एहतियात इसलिये बरता जा रहा है ताकि दोबारा गांव का माहौल खराब न हो सके।