नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय बजट को ‘हवाबाजी’ करार देते हुए कहा कि इसमें महंगाई रोकने, गरीबों के कल्याण और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर एक भी शब्द नहीं है और यह गरीबों, मजदूरों तथा किसानों के साथ किया गया ‘क्रूर मजाक’ है।
चौधरी ने लोकसभा में 2022-23 के केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के कुछ सदस्यों द्वारा प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि बिना सोचे-समझे नेहरूजी के खिलाफ नहीं बोलें। इससे आप इस सदन की गरिमा को भी चोट पहुंचाते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा के ‘डिजिटल नेता’ बार-बार नेहरूजी का नाम लेकर कहते हैं कि प्रथम प्रधानमंत्री समाज में ‘सोशलिस्ट पैटर्न’ की बात करते थे। चौधरी ने पूछा कि इसमें क्या गलत है? चौधरी ने कहा कि, मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध करुंगा कि इस तरह की बयानजी रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत लोगों को राशन देने की मोदी सरकार की योजना ‘समाजवाद’ नहीं तो क्या है, शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार समाजवाद की सोच नहीं तो क्या है?
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजस्वी सूर्या ने बुधवार को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कहा था समाजवादी विचारधारा के साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों ने वंशवादी शासन जारी रखने के मंसूबों के तहत देश को गरीब बनाए रखा था। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी युवाओं को रोजगार दिये जाने और अमीरों-गरीबों के बीच खाई को पाटने की बात करते हैं तो उनके लिए अपशब्द बोले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट का सार देखें तो इसमें कुछ नहीं है और केवल ‘हवाबाजी’ है।
उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबों, किसानों, मजदूरों और अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के साथ ‘क्रूर मजाक’ है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इस सरकार के शासनकाल में 60 लाख छोटे उद्योग खत्म हो गये, प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति खर्च कम हो गया। उन्होंने दावा किया कि 4.60 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिये गये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद ‘अच्छे दिन’ का सपना दिखाया था लेकिन आज देश का युवा और किसान प्रधानमंत्री से ‘अपने बीते बुरे दिन’ ही लौटाने की बात कर रहा है।
चौधरी ने कहा कि बजट में गरीबों, रोजगार सृजन और महंगाई पर नियंत्रण जैसे विषयों के लिए एक शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें कर राहत की कोई बात नहीं है और लोक कल्याण को तो ”जैसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मित्र पूंजीपति हैं और गरीब तथा मध्यमवर्ग उसे कभी माफ नहीं करेगा। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पूंजीपतियों के विरोध में नहीं है, लेकिन ‘सांठगांठ वाले पूंजीवाद’ (क्रोनी कैपिटलिज्म’) का हम विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि बजट में 400 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने की घोषणा की गयी है लेकिन क्या वित्त मंत्री बताएंगी कि हर सप्ताह औसत सात ट्रेनों का उत्पादन किस तरह होगा।