लखनऊ। आखिरकार 7 महीने बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म करने का फैसला लिया है। बता दें कि फारूक अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट 1978 के तहत नजरबंद किया गया था। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव योजना रोहित कंसाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर फारूक अब्दुल्ला की हिरासत खत्म करने को लेकर आदेश की कॉपी शेयर की।
फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ पिछले साल 15 सितंबर को पीएसए लगाया गया था। इसके बाद दिसंबर महीने में उनकी नजरबंदी 11 मार्च तक और बढ़ा दी गई थी। सरकार ने आज अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म करने का फैसला किया। वहीं बाकी दोनों पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती अभी हिरासत में ही रहेंगे।
पिछले दिनों एनसीपी नेता शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समेत विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की रिहाई का आग्रह किया था।