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प्लेटलेट्स दान के लिए अभी और जागरुकता बढ़ाने की जरूरत: आनंदीबेन पटेल

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्लेटलेट्स दान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि कैंसर, डेंगू आकस्मिक दुर्घटना व अन्य बीमारी से पीड़ित मनुष्य को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ व्यक्ति एक साल में 24 बार प्लेटलेट्स दान कर सकता है। प्लेटलेट्स को मात्र पांच दिनों तक ही सुरक्षित रखा जा सकता है, उसके बाद वह मरीज को चढ़ाने लायक नहीं होता है।

राजभवन स्थित गांधी सभागार में सोमवार को डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ द्वारा आयोजित स्वैच्छिक प्लेटलेट दान जागरूकता शिविर का उद्घाटन करते हुये राज्यपाल ने कहा कि खून देकर किसी की जिन्दगी बचाना सबसे महान काम है।

दुनिया का कोई वैज्ञानिक ईश्वर प्रदत्त रक्त नहीं बना सकता है। जरूरत पड़ने पर एक इंसान का खून ही किसी दूसरे की जिन्दगी बचा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान एकदम सुरक्षित प्रक्रिया है। एक औसत वयस्क रक्तदान के बाद 24 से 48 घंटों में फिर से रक्त बना लेता है।

राज्यपाल ने समारोह में रक्तदान के साथ-साथ अंगदान, बेटियों के पोषण और स्वास्थ्य तथा प्रदेश से क्षय रोग निवारण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा अपने प्रियजन के जीवन अवसान पर एकाएक उसके अंगदान का निर्णय लोग नहीं ले पाते, जबकि व्यक्ति के मृत्योपरान्त कुछ समय के अंदर उसके अंगदान से एक जीवित व्यक्ति को स्वस्थ जीवन का वरदान मिल जाता है।

राज्यपाल ने स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अगर प्रदेश की 10 प्रतिशत जनता भी इस अभियान से जुड़ जाये तो हम इस क्षेत्र में देश में नम्बर बन स्तर पर होंगे। उन्होंने कहा कई बार मरीज की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों ने भी रक्तदान किया है। हम सबको देश और समाज के लिए अपने दायित्वों को समझना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल ने ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की पत्रिका “स्वैच्छिक प्लेटलेट दानः आओ बढ़ाएं कदम स्वस्थ प्रदेश की ओर” का विमोचन भी किया और पहले डोनर श्री गौरव श्रीवास्तव को डोनर कार्ड देकर शिविर की शुरूआत की।

समारोह में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अर्पणा उपाध्याय ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा पहले से किए जा रहे कुछ कार्यों और रक्त संग्रहण के स्थापित पंजीकरणों की जानकारी दी । इस अवसर पर लोहिया संस्थान की निदेशक डा. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि डोनर का रजिस्ट्रेशन हो जाने पर ये विवरण वेबसाइट पर रहेगा। चिकित्सक रक्त की आवश्यकता होने पर निकटतम डोनर का विवरण साइट पर देखकर उनसे सम्पर्क कर सकेंगे।

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