राहुल यादव, लखनऊ। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने प्रवासी राहत मित्र ऐप का लोकार्पण किया ।
प्रवासी राहत मित्र ऐप का उद्देश्य अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाले प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ , उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं विशेष कर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में सहयोग करने हेतु इन प्रवासी नागरिकों का डेटा कलेक्शन करना है ।
सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान कर इन प्रवासी नागरिकों के रोजगार नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी ।
इस ऐप से आश्रय केंद्र में रुके हुए व्यक्तियों एवं किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी व्यक्तियों का पूरा विवरण लिया जायेगा।
ऐप में व्यक्ति की मूलभूत जानकारी जैसे कि नाम , शैक्षिक योग्यता , अस्थायी और स्थायी पता , बैंक अकाउंट विवरण , COVID 19 सम्बंधित स्क्रीनिंग की स्थिति , शैक्षिक योग्यता और अनुभव , 65 से भी ज्यादा प्रकार के कौशल का विवरण एकत्र किया जायेगा ।
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अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासियों को दी जाने वाली राशन किट वितरण की स्थिति भी ऐप में दर्ज होगी। इस ऐप में डाटा डुप्लीकेशन न हो, इसके लिये यूनीक मोबाईल नम्बर को आधार बनाया जायेगा ।
इस ऐप की विशेषता यह भी है कि इसमें ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी काम कर सकते हैं।प्रभावी निर्णय के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के डेटा को भी ऐप में अलग-अलग किया जा सकता है ।
विकेन्द्रीकृत स्तर पर यथा आश्रय स्थल, ट्रांजिट पॉइंट, व्यक्ति का निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जायेगा।जिलाधिकारी के नेतृत्व में डेटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास, नगर निकाय की होगी।
तथा ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ व पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी होगी । ऐप के माध्यम से संग्रहित डेटा को राज्य स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (www.rahatup.in) पर स्टोर किया जायेगा।
इसका विश्लेषण कर प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ एवं स्वास्थ्य की निगरानी होगी।साथ ही विशेष कर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में सहयोग किया जायेगा ।