अशाेक यादव, लखनऊ । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उपजी हिंसा के मामले में बतौर मास्टरमाइंड चिन्हित कर गिरफ्तार किये गये मोहम्मद जावेद अहमद उर्फ जावेद पंप के करीब पांच करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले मकान को स्थानीय प्रशासन ने रविवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) की इस कार्रवाई पर जावेद की बेटी ने सवालिया निशान लगाते हुए इस कार्रवाई को पूरी तरह से गैरकानूनी बताया है।
दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा सोमैया फातिमा ने प्रयागराज स्थित उसका घर ढहाये जाने के बाद एक समाचार चैनल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जमींदोज किये गये उसके घर का बिजली, पानी का बिल और अन्य कर सालों से अदा किये जा रहे थे। अगर, घर अवैध था तो सरकार इसकी वसूली कैसे कर रही थी।
फातिमा ने कहा, “मुझे यह बात समझना बहुत जरूरी है कि अचानक से हमारा घर अवैध कैसे हो गया। जब हम अपने घर का हाउस टैक्स और वॉटर टैक्स आदि दे रहे थे तो अचानक से वह घर एक दिन के ही अंदर बिना किसी नोटिस के अवैध हो गया और एक ही दिन में नोटिस चस्पा कर एक दिन के भीतर ही उसको पूरा तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ महज 12 घंटे के अंदर हुआ है। इसके पहले ना तो कभी घर में कोई नोटिस भेजा गया और ना ही कभी किसी को यह बताया गया कि वह मकान अवैध है।
फतिमा ने कहा, “यह घर हमारी अम्मी के नाम पर था जो मेरे नाना ने उन्हें तोहफे में दिया था, इसमें हमारे अब्बा का कोई हाथ नहीं था। जिस जमीन पर यह घर बना था वह अम्मी की थी और इस पर बने घर को अवैध बताकर तोड़ दिया गया। गौरतलब है कि प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार को कहा था कि जावेद की एक बेटी जेएनयू में पढ़ती है और वह अपने पिता की गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर परामर्श देती है। उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली पुलिस की मदद से जावेद की बेटी से भी पूछताछ की जा सकती है।