नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर यहां स्थित तीन मूर्ति भवन परिसर में नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। इस संग्रहालय का उद्घाटन आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में देश भर में मनाए जा रहे ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव’’ के दौरान किया गया है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता के पश्चात देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन करता है।
प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर में निर्मित है और इसमें देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की झलक के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान दर्शाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, मोदी की परिकल्पना से मार्गदर्शित यह संग्रहालय देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि है। पीएमओ के मुताबिक, इस समावेशी प्रयास का उद्देश्य नई पीढ़ी को सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों से प्रोत्साहित करना है।
इस संग्रहालय में कुल 43 दीर्घाएं हैं। नवीनता और प्राचीनता के मिले-जुले रूप का प्रतीक यह संग्रहालय पूर्व तीन मूर्ति भवन के खंड-एक को नव-निर्मित भवन के खण्ड-दो से जोड़ता है। दोनों खण्ड का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक की गाथा बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और देश की सर्वांगीण प्रगति को सुनिश्चित किया।
वहीं उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा प्रधानमंत्री संग्रहालय’ ऐसे समय में प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है, जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। साथ ही उन्होंने कहा भारत को आज इस मुकाम पर पहुंचाने में प्रत्येक सरकार की भूमिका रही है। वहीं उन्होंने कहा प्रधानमंत्री संग्रहालय’ आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान, विचार, अनुभव के द्वार खोलेगा। पीएम मोदी ने कहा हम भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि हमारे ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवार से रहे हैं।