अशोक यादव, लखनऊ।
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि 3 मई तक बढ़ाये गए लाॅकडाउन का जनता पूरी निष्ठा के साथ पालन करें।
लेकिन सरकार की भी जिम्मेदारी है कि जनता को कोई परेशानी न होने दे।
हर गरीब और जरूरतमंद को भोजन, राशन और इलाज समय पर मिले।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद कुछ संस्थान अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं।
लखनऊ में कई कंपनियों ने अपने संविदाकर्मियों के वेतन में कटौती कर दी है।
यह अन्याय है। अखिलेश ने कहा, समाजवादी पार्टी 3 मई तक प्रदेश में राहत कार्य जारी रखेगी।
सपा का हर कार्यकर्ता यह ध्यान रखे कि उसके आस-पास कोई भूखा न रहे।
मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करें। अखिलेश यादव ने कहा, प्रदेश का किसान काफी परेशान है।
बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने पहले ही उसे तोड़ कर रख दिया है।
अब जब फसल पककर तैयार है तो लाॅकडाउन ने मुश्किल बढ़ा दी है।
इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है किसानों को परेशानी न होने दे।
अपने वादे के मुताबिक सरकार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य रूपया 1925 प्रति कुंतल मिलना सुनिश्चित करे।
बांदा जनपद में कटाई मजदूर न मिलने से 52 वर्षीय किसान रामभवन ने फसल की बर्बादी से मायूस होकर आत्महत्या कर ली।
तमाम जनपदों में कटाई के लिए फसल खड़ी है, किसान कटाई मजदूरों के लिए दौड़ लगा रहा है।
उसकी चिंता वाजिब है।
अखिलेश ने कहा, बाराबंकी में गुजरात से लौटे एक बुजुर्ग को 21 दिनों से घर में क्वारंटाइन में रखा गया था।
किसी ने उसकी सुधि नहीं ली। जिसके परिणाम स्वरूप वह तड़प-तड़पकर मर गया।
लाॅकडाउन में भाजपा सरकार के फेल सिस्टम से एक और निर्दोष की जान चली गई।
इस घटना से सरकारी दावों की पोल भी खोल गई है।