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योगी सरकार लोकतंत्र की हत्या पर उतारू : अजय कुमार लल्लू

 

राहुल यादव, लखनऊ। 

कांग्रेस
 ने पिछले साल अपने पुरखों की जमीन बचाने के लिए शहीद हुए सोनभद्र के आदिवासी बहन भाइयों को याद करते हुए बलिदान दिवस मनाने की घोषणा की है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, अजय राय, राजेश मिश्रा, महासचिव मनोज यादव, विश्वविजय सिंह, सरिता पटेल समेत कई पदाधिकारी आज शहादत दिवस की पूर्वसंध्या पर श्रद्धांजलि देने जा रहे थे लेकिन आदिवासी गरीब विरोधी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

अजय कुमार लल्लू अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोनभद्र के उम्भा गाँव में शहीद आदिवासीयों की याद में उनके परिजनों से मिलने और श्रद्धांजलि देने जा रहे थे। 
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने गिरफ्तारी के बाद गोपीगंज गेस्टहाउस से जारी बयान में आरोप लगाते हुए योगी सरकार को आदिवासी-पिछड़ा-दलित विरोधी बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में लचर होती कानून व्यवस्था और अपराधियों के बढ़ते मनोबल को रोकने में असमर्थ योगी सरकार दलित-पिछडो-आदिवासियों के मुद्दे उठा रही कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को उत्पीड़न और दमन पर उतर आई है । प्रदेश सरकार हर सियासी प्रक्रिया बाधित कर लोकतंत्र की हत्या पर उतारू है ।

 पूरे प्रदेश में आराजकता का माहौल है । अभी हाल में कानपुर के बिकरू गाँव में अपराधियों ने 8 पुलिसकर्मियों की सरेआम हत्या कर दी थी।

योगी सरकार के सत्तारुण होते ही पूरे प्रदेश में आराजकता का राज है । अपराधी बेलगाम और मनबढ़ हुए है । योगी सरकार हर मोर्चे पर फेल है ।

 सीएम, मंत्री खुद तो कार्यक्रम कर रहे हैं, लेकिन विरोधी दलों की आवाज को दबाया जा रहा है। पुलिस के दम पर दमनकारी नीति को लागू किया जा रहा है। कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं है। डटकर मुकाबला किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार संविधान को नहीं मानती है। भदोही में जितनी फोर्स लगाकर मुझे गिरफ्तार किया  गया, उतनी पुलिस अपराधियों के पीछे लगाई जाती तो शायद, लूट, हत्या, छिनैती, दुराचार की घटनाओं में कमी आती। कांग्रेस की बढ़ती ताकत से डरे सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक महीने तक मुझे तथा कई पदाधिकारियों को जेल में रखा था और अन्य नेताओं को फर्जी मामलों में गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है ।

पिछले साल हुए नरसंहार के बाद योगी ने उम्भा गाँव के लोगो से तमाम वादे किये थे पर वो आज तक पूरे नहीं हुए। नरसंहार के बाद सीएम योगी ने गाँव में स्कूल खोलने, पुलिस चौकी खोलने और गरीब पीड़ित आदिवासियों को जमीन का मालिकाना हक देने की बात कही थी जो आज तक पूरी नहीं हुयी । वन विभाग अपनी जमीन को सुसंगत कानूनों के तहत नोटिफाई करने में घोर लापरवाही बरत रहा है।  यही वजह कि इनपर अवैध कब्जे हो रहे हैं जो विवाद का कारण बन रहे हैं। कई ग्रामसभा में धारा 20 के प्रकाशन तक का काम नहीं हुआ है । गरीब आदिवासी हजारों साल से इन्ही वनों में अपनी संस्कृतिक पहचान बनाये , वनों को बचाते हुए वन उपज से अपनी आजीविका चलाते आये हैं । आज भी फर्जी ट्रस्ट और अन्य नामो से हजारो हेक्टेयर जमीन लोगो ने दबा रखी है जिनपर इन गरीब आदिवासियों का मालिकाना हक है ।  प्रदेश में राष्ट्रीय वनाधिकार कानून को लागू न कर पाने पर भी योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया ।

गौरतलब है कि पिछले साल इसी दिन जमीन के सवाल पर जातीय नरसंहार में 10 आदिवासियों की हत्या गाँव के दबंग लोगो ने कर दी थी ।

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