ऋषभ यादव, लखनऊ : सदस्य सचिव , उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण संजय सिंह-प्रथम ने बताया कि कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, न्यायमूर्ति राजेश बिन्दल, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन व माननीय न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद/कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कुशल निर्देशन में आज सम्पूर्ण प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गयी।
02 नवम्बर 2022 को न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर वरिष्ठ न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, कार्यपालक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, वरिष्ठ न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ, लखनऊ द्वारा वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, मोटर दुर्घटना ट्रिब्युनल, पारिवारिक न्यायालय, व्यवसायिक न्यायालय व स्थायी लोक अदालत आदि के पीठासीन अधिकारियो एवं अन्य न्यायिक अधिकारियों से विशेष रूप से न्यायालयों में लम्बित मामलों के अधिक से अधिक संख्या में निस्तारण करने एवं राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु निर्देशित किया गया।
09 नवम्बर 2022 को मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव, गृह उ0प्र0 शासन द्वारा प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नर/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से न्यायालयों में लम्बित एवं प्री-लिटिगेशन वादों के अधिक से अधिक संख्या में निस्तारण हेतु स्थानीय स्तर पर जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ सहयोग एवं सामन्जस्य स्थापित करने एवं सक्रिय रूप से वर्तमान राष्ट्रीय लोक अदालत में भी विगत राष्ट्रीय लोक अदालतों की भाॅँति अधिक से अधिक संख्या में वादों के निस्तारण को सुनिश्चित करते हुए इस लोक अदालत की सफलता हेतु निर्देश निर्गत किये गये।
कोरोना काल के पश्चात आयोजित की गयी राष्ट्रीय लोक अदालतों में उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सम्पूर्ण भारत वर्ष में वादों के निस्तारण में निरंतर प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है तथा इन लोक अदालतों में राष्ट्रीय स्तर पर निस्तारित कुल वादों में लगभग 50 प्रतिशत वादों का निस्तारण अकेले उत्तर प्रदेश राज्य में किया गया है।
प्राप्त सूचना के अनुसार सायं 06ः20 बजे तक उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आज 12 नवंबर 2022 में निस्तारित वादों का विवरण के अनुसार 36,38,320 प्री-लिटिगेशन वाद, 2,80,946 लम्बित वाद, 1,01,246 विशेष लोक अदालत (लघु आपराधिक वाद) इस प्रकार कुल 40,20,512 वाद निस्तारित हुए।
लम्बित एवं प्री-लिटिगेशन वादों के निस्तारण की अन्तिम संख्या अभी प्रतीक्षित है। प्रशासन के सक्रिय सहयोग से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के न्यायालयों/अधिकरणों द्वारा निस्तारित कुल वादों की संख्या कल तक प्राप्त होगी।