अशोक यादव, लखनऊ : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा गन्ना खेती को उद्यमिता से जोड़ने तथा युवाओं को मिट्टी से जुड़ाव हेतु प्रोत्साहित करने तथा स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु आदेशित किया गया है। इन आदेशों के अनुपालन में गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश के चीनी मिल क्षेत्रों में गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज को अधिकाधिक बढ़ाने तथा युवा गन्ना किसानों में उत्पादकता पुरस्कारों के माध्यम से स्वस्थ प्रतियोगी भावना का संचार करने का हेतु आज डालीबाग स्थित गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में “प्रगतिशील युवा गन्ना किसान संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में सहारनपुर परिक्षेत्र के युवा गन्ना किसानों के साथ वर्चुअली संवाद किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा की गयी।
भूसरेड्डी द्वारा युवा गन्ना कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि गन्ना विकास विभाग गन्ना कृषकों की आय बढ़ाने हेतु विभागीय योजनाओं और गतिविधियों के माध्यम से निरन्तर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में युवा वर्ग खेती से विमुख होकर छोटे-मोटे रोजगार के लिए शहर की ओर पलायन कर रहे हैं क्योंकि युवा वर्ग कृषि कार्य को सम्मानजनक महसूस नहीं करता है। इसलिए गन्ना विकास विभाग द्वारा युवाओं को सम्मानजनक रूप से गन्ना खेती से जोड़ने के लिए पहल की गयी है।
उन्होंने कहा कि युवा गन्ना किसानों द्वारा गन्ने की खेती को आधुनिक कृषि तकनीकों के माध्यम से करते हुए जिले परिक्षेत्र एवं राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया जा रहा है। इससे गन्ने की खेती में नवोन्मेषी तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा मिल रहा है एवं अच्छे उत्पादन के फलस्वरूप युवा गन्ना किसानों की आय बढ़ने से उनका पूरा परिवार आर्थिक एवं सामाजिक रूप से उन्नति कर गरिमामय जीवनयापन कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि युवा गन्ना किसानों को गन्ने की खेती हेतु प्रोत्साहित करने के लिये विभाग द्वारा राज्य गन्ना प्रतियोगिता एवं उत्कृष्ट कार्य योजना के अन्तर्गत युवा गन्ना किसान नाम से एक नया संवर्ग बना दिया गया है जिससे प्रगतिशील युवा गन्ना किसानों को राज्य स्तर पर पहचान मिल सके।
संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रश्न प्रहर सत्र में सहारनपुर से जुड़े मोबीन हसन द्वारा बताया गया कि अब एक फोन पर गन्ना किसानों के कार्य पूरे हो रहे हैं। माझरी गांव, सरसावा के किसान अमित विश्वकर्मा ने गन्ने की खेती को फायदे का सौदा बताते हुए कहा कि खेती वर्तमान युग में रोजगार का बड़ा माध्यम बन गई है। आज युवा किसानों को अपने जीविकोपार्जन के लिये किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं है। गागनौली से जुड़े किसान शुभम चौधरी ने भी बताया कि अब किसानों को विभाग द्वारा सभी सुविधायें ससमय उपलब्ध करायी जा रही हैं।
शुक्रताल मुजफ्फरनगर से जुड़ी महिला गन्ना किसान श्रीमती मनप्रीत ने कहा कि उन्हें गन्ने की खेती से बहुत फायदा हुआ है। विभाग द्वारा संचालित स्मार्ट गन्ना प्रोजेक्ट (ई.आर.पी.) ने गन्ने की खेती को काफी सुगम कर दिया है। शेरमऊ से जुड़े युवा किसान जॉनी ने फार्म मशीनरी के अन्तर्गत कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुगम करने का सुझाव दिया। तैमूर द्वारा गन्ने की खेती से जुड़े अपने अनुभव साझा किये तो मुजफ्फरनगर के नदीम एवं शामली के सूरज चौहान ने गन्ना रोग प्रबन्धन के संबंध में अपने अनुभव बताये। सहारनपुर से जुड़े देवेश आर्य ने प्राकृतिक खेती के संबंध में अपने अनुभव साझा किये और कहा कि मैं वर्ष 2016 से प्राकृतिक खेती से जुड़ा हुआ हूँ तथा गन्ने की खेती में प्राकृतिक विधियाँ अपनाकर 300 कु प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन से शुरूआत कर आज 450 कु. प्रति एकड़ का उत्पादन मेरे द्वारा किया जा रहा है।
युवा संवाद कार्यक्रम के समापन के समय प्रबन्ध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ रमाकान्त पाण्डेय द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए युवा गन्ना किसानों को गन्ने की खेती से संबंधित 12 सूत्रीय टिप्स प्रदान किये गये अपर गन्ना आयुक्त (विकास) वी. के. शुक्ल द्वारा युवा गन्ना किसानों की गन्ना बीज संबंधी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। डा. बी.बी. सिंह, अपर गन्ना आयुक्त (समितिया) ने प्राकृतिक खेती पर अपने विचार साझा किये। युवा संवाद कार्यक्रम का समन्वय गौरव कुमार सम्भागीय विख्यापन अधिकारी द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम संचालन अरूण कुमार, विषय विशेषज्ञ द्वारा किया गया। ‘प्रगतिशील युवा गन्ना किसान संवाद कार्यक्रम के माध्यम से सभी गन्ना बाहुल्य परिक्षेत्रों के युवा गन्ना किसानों को अपने विचार साझा करने का मंच प्रदान किया जायेगा। इसी कड़ी में मेरठ परिक्षेत्र के युवा गन्ना किसानों के साथ आगामी संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।