नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 26,275 करोड़ रुपये की वित्तीय लागत से 2025-26 तक व्यापक पुलिस आधुनिकीकरण योजना को जारी रखने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि इस योजना में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों तथा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी व्यय, नयी बटालियानों के गठन, उच्च प्रौद्योगिकी से लैस अपराध प्रयोगशालाओं और अन्य जांच प्रविधियों के विकास का खर्च शामिल है।
एक सरकारी बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने व्यापक पुलिस बल आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना को जारी रखने को मंजूरी दी है। यह मंजूरी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिसबलों को आधुनिक बनाने एवं उनके कामकाज में सुधार लाने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल को आगे ले जाएगी। बयान के मुताबिक इस योजना में वे सभी प्रासंगिक योजनाएं हैं जो 26,275 करोड़ रुपये की कुल केंद्रीय वित्तीय लागत से आधुनिकीरण एवं सुधार में योगदान देंगी।
मंत्रालय का कहना है कि यह व्यवस्था अंदरूनी तथा कानून व्यवस्था तथा पुलिस द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने के तहत की गयी है। उसके अंतर्गत देश में ठोस अपराध विज्ञान तंत्र विकसित करने और राज्यों को मादक पदार्थों पर काबू पाने तथा आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए सहायता दी जाएगी।
जम्मू कश्मीर, उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए 18,839 करोड़ रुपये का केंद्रीय व्यय निर्धारित किया गया है। राज्यों को राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र 4,846 करोड़ रुपये देगा।