अशाेेेक यादव, लखनऊ। इंदिरा गांधी शासनकाल में देश पर थोपे गए आपातकाल के 45 वर्ष पूरे होने पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने लोकतंत्र के उस काले इतिहास को याद किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ट्वीटर पर लिखा, आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया और यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन। उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने 45 वर्ष पुराने आपातकाल को याद करते हुए ट्वीटर पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
गृहमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन 45 साल पहले एक परिवार ने अपनी सत्ता के लालच में देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया था। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, मुफ्त भाषण … सब खत्म हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।
अपने अगले ट्वीट में गृह मंत्री ने लिखा, लाखों लोगों के चलते करीब दो साल बाद आपातकाल हटा लिया गया था। इसके बाद भारत में तो लोकतंत्र स्थापित हो गया था, लेकिन कांग्रेस में अनुपस्थित रहा। अमित शाह ने कहा कि एक परिवार के हित कांग्रेस और राष्ट्रीय हितों से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी उपस्थित है।
एक और ट्वीट में गृह मंत्री ने कुछ अंग्रेजी अखबारों के लिंक और राहुल गांधी की फोटो अपलोड करते हुए लिखा, हाल ही में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कुछ वरिष्ठ सदस्यों और छोटे सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया तो उन्हें डांटकर चुप करा दिया गया।
देशहित में बात करने पर एक प्रवक्ता को बर्खास्त कर दिया गया। सच्चाई यह है कि आज कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी के अंदर घुटन महसूस कर रहे हैं।
गृहमंत्री ने लिखा कि एक प्रमुख विपक्षी पार्टियों में से एक होने के नाते कांग्रेस को खुद से सवाल करने की जरूरत है। पार्टी के अंदर आपातकाल क्यों रहता है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, वह बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं?