अशाेेेक यादव, लखनऊ। भारत में फैली कोरोना महामारी के चलते एक तरफ जहां वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के सफल ट्रायल के प्रयास में लगे हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है।
जिसके कारण सैकड़ों डॉक्टर की प्रैक्टिस बंद हो सकती है। दरअसल एमसीआई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि ऐसे लोगों को भारत में मेडिकल प्रेक्टिस करने पर रोक लगा दी गई है, जिनके पास पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की डिग्री है।
इसका मतलब ये है कि जिन्होंने पीओके से डॉक्टर की डिग्री हासिल की है, वो अब भारत में प्रेक्टिस नहीं कर सकते हैं। एमसीआई की ओर से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा संघ शासित क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है। इसके कुछ हिस्से पर पाकिस्तान ने अपना अवैध कब्जा किया हुआ है। ऐसे में अब एमसीआई ने एक बड़ा फैसला लिया है।
पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के किसी भी मेडिकल इस्टीट्यूट को आईएमसी एक्ट, 1956 के तहत अनुमति लेनी होगी। पीओजेकेएल में किसी भी मेडिकल कॉलेज को ऐसी अनुमति नहीं दी गई है। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने भी एक ट्वीट कर इस मामले की जानकारी दी है।
एमसीआई ने जो पब्लिक नोटिस जारी किया है, उसमें लिखा है, इसे देखते हुए अवैध कब्जे वाले इस इलाके में मेडिकल कॉलेज से प्राप्त डिग्री मान्य नहीं है और ऐसे लोगों को भारत में रजिस्ट्रेशन की इजाजत नहीं दी जाएगी।
एमसीआई ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में किसी भी मेडिकल इंस्टीट्यूट को भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 के तहत अनुमति और मान्यता की जरूरत है।