अशाेेेक यादव, लखनऊ। पश्चिम बंगाल में पहली वर्चुअल रैली के जरिये अमित शाह ने विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है। रैली के जरिये अमित शाह ने न केवल भाजपा कार्यकताओं का उत्साह बढ़ाया बल्कि राज्य की राजनीति भी गर्मा दी।
अपने एक घन्टे के भाषण में शाह ने केन्द्र की योजनाओं की फेहरिस्त गिनाई, राज्य को इन योजनाओं से हुए फायदे गिनाये और राज्य सरकार की कमियां उजागर कीं।
रैली को कामयाब बनाने के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी रखी थी। रैली के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने बताया, “रैली में देश और विदेश के एक करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े, यह रैली आगामी विधानसभा चुनाव के लिये बेहद महत्वपूर्ण है।”
पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव की पहली रैली को संबोधित करते हुये अमित शाह ने कहा कि राजनीतिक परिवर्तन का माध्यम हिंसा से नहीं हो सकती है। पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में कई कार्यकर्ता घायल हुए। 100 से अधिक भाजपा के कार्यकर्ता मारे गये, एफआईआर दर्ज की गई। भाजपा हिंसा से डरने वाली नहीं है। आप हमें रोक नहीं सकती हैं।
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 11000 करोड़ रुपये बंगाल की जनता को भेजा है, लेकिन ममता दीदी राजनीतिक तंज कसती हैं, कहती हैं कि भाजपा वाले संभाल लेंगे। बंगाल की जनता आपकी इच्छा जल्द पूरा करने वाली है। बंगाल में भाजपा की सरकार बनने वाली है।
एक तरफ शाह ने ममता सरकार के खिलाफ तेवर आक्रमक रखा, वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार पार्ट- 2 के पहले साल की उपलब्धियों के बहाने 6 साल की उपलब्धियों का लेखा जोखा रखा। एक तरफ शाह केंद्र की उपलब्धियों को जनता के सामने रख रहे थे तो दूसरी तरफ ममता सरकार से 10 साल के कामकाज का ब्यौरा भी मांग रहे थे।
आयुष्मान योजना और किसान सम्मान निधि के मसले पर घेरते हुये शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का एजेंडा तय कर दिया। साथ ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये भी राजनीतिक जमीन तैयार करने की कोशिश की।
यही नहीं शाह ने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों, परिवारवाद, तुष्टिकरण, भष्ट्राचार की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। भाजपा सांसदों और जनप्रतिनिधियों को रोक रही। भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हिंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि जितना ही टीएमसी हिंसा का कीचड़ फैलाएगी, भाजपा उतना ही फैलेगी।