मुंबई। शिवसेना ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पार्टी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी ‘‘बदले की राजनीति’’ है और इससे भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ने का शिवसेना का संकल्प और मजबूत होगा। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में (शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन वाली) महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार परिवहन मंत्री परब के साथ खड़ी है।
राज्यसभा के सदस्य राउत ने कहा, बदले की राजनीति करने के लिए इस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। आपके (भाजपा के) पास केंद्रीय एजेंसियां हैं। यदि किसी को लगता है कि इससे उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नष्ट हो जाएंगे, यदि किसी को लगता है कि इस प्रकार के कृत्य से शिवसेना या महा विकास अघाड़ी पर दबाव बनेगा, तो यह गलत है। हर कदम हमारे संकल्प को और मजबूत करेगा।’’ उन्होंने कहा कि सभी चुनाव सुचारू रूप से होंगे। राज्य में विभिन्न नगर निकाय चुनाव जल्द होने हैं।
राउत ने यह भी दावा किया कि शिवसेना और एमवीए नेताओं के खिलाफ जिन आरोपों को लेकर जांच चल रही है, भाजपा नेताओं के खिलाफ उनसे अधिक गंभीर आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रत्नागिरि जिले के तटीय दापोली इलाके में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं और अन्य आरोपों को लेकर महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत राज्य में बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर छापे मारे।
संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक ताजा मामला दर्ज किया है। मुंबई में परब के आधिकारिक आवास, दापोली और पुणे में संबंधित परिसरों समेत कम से कम सात परिसरों पर एजेंसी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा मुहैया कराई गई सुरक्षा के साथ छापे मार रही है। तीन बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित परब (57) राज्य के परिवहन मंत्री हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नजदीकी बताए जाते हैं।
उनके खिलाफ अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए हैं और ऐसा समझा जाता है कि निदेशालय का ताजा मामला इन्हीं आरोपों से संबंधित है। इससे पहले, निदेशालय महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को धनशोधन के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार कर चुका है। परब महाराष्ट्र सरकार के तीसरे मंत्री हैं, जो निदेशालय की जांच के दायरे में हैं।