न्यूजीलैंड के सांसद डॉ. गौरव शर्मा ने बुधवार को इतिहास रच दिया। वह विदेशी धरती पर संस्कृत में शपथ लेने वाले भारतीय मूल के पहले सांसद बन गए हैं। हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी डॉ. शर्मा को हाल ही में न्यूजीलैंड में हुए चुनाव में लेबर पार्टी से सांसद चुना गया है।
न्यूजीलैंड की संसद में शपथ ग्रहण के दौरान गौरव शर्मा ने कहा, ”मैं गौरव शर्मा शपथ लेता हूं कि मैं विश्वासयोग्य रहूंगा और महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वीतीय और उनके उत्तराधिकारियों के प्रति सच्ची निष्ठा रखूंगा। इसलिए ईश्वर मेरी मदद करें।”
न्यूजीलैंड और सामोआ स्थित हाई कमिश्नर मुक्तेश परदेशी ने कहा, ”सबसे युवा सांसदों में से एक और हाल ही में चुने गए गौरव शर्मा ने आज शपथ ली। पहले न्यूजीलैंड की देसी माओरी भाषा में शपथ ली तो इसके बाद संस्कृत में भी शपथ ली। उन्होंने दोनों देशों की संस्कृति और परंपरा को सम्मान दी है।”
हिंदी में शपथ नहीं लेने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में डॉ. शर्मा ने कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो मैंने इसके बारे में सोचा था। लेकिन तब इसे पहाड़ी और पंजाबी में करने का प्रश्न था। सबको खुश रखना मुश्किल है। संस्कृत इसलिए अहम है क्योंकि यह सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान है।”
प्रोफेशन से डॉक्टर शर्मा हमिल्टन वेस्ट में टिम के माकीनडोब को 4,386 वोट से हराया। इससे पहले वह 2017 में भी चुनाव लड़े थे लेकिन सफलता नहीं मिली। वह भारतीय मूल के दूसरे नता हैं जिन्होंने संस्कृत में शपथ ली है। इस साल जुलाई 2016 में पदभार संभालने वाले चंद्रीकाप्रसाद संतोखी ने भी संस्कृत में शपथ ली थी।