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निजी बैंकों और एनबीएफसी के साथ सीतारमण की बैठक, एमएसएमई सेक्टर को तरलता उपलब्ध कराने को लेकर उनकी तैयारियों का लिया जायजा

अशाेेेक यादव, लखनऊ। सरकार इमर्जेसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत एमएसएमई सेक्टर की तरलता चिंताओं को दूर करने में पूरी तरह जुटी हुई है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में सोमवार को निजी बैंकों और एनबीएफसी के साथ एक बैठक की और एमएसएमई सेक्टर को तरलता उपलब्ध कराने को लेकर उनकी तैयारियों का जायजा लिया।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराने में सबसे आगे हैं। वास्तव में 12 पीएसबी ने इस योजना के तहत नौ जून तक 14,690.84 करोड़ रुपये ऋण जारी कर दिए हैं। लेकिन निजी बैंकों के प्रदर्शन इस मामले में सुस्त है।

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया, “वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, ईसीएलजीएस के प्रभावी क्रियान्वयन और इस कठिन समय में एमएसएमई को निर्बाध/आसानी से तरलता सुनिश्चित कराने के लिए प्रमुख निजी बैंकों और एनबीएफसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं।”

बैठक में इस चर्चा की भी उम्मीद है कि निजी सेक्टर देश के आर्थिक मूड को ऊपर उठाने और कारोबारों को गहरे संकट में जाने से बचाने को लक्षित मदद के उपायों में किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं।

ये ऋण मौजूदा संकट के समय में एमएसएमई सेक्टर की तरलता जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा घोषित तीन लाख करोड़ रुपये के इमर्जेंसीक्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत दिए जा रहे हैं।

ईसीएलजीएस स्कीम पिछले महीने सीतारमण द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत मिशन पैकेज का सबसे बड़ा वित्तीय घटक है।

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