नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने बुधवार को इस्तांबुल में ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा पर दबदबे भरी जीत से विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन जरीन मुकाबले के दौरान संयमित बनी रहीं और अपनी प्रतद्वंद्वी पर पूरी तरह दबदबा बनाये रखा जिससे वह 52 किग्रा वर्ग के मुकाबले में सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं। फाइनल में जगह बनाने के साथ ही उन्होंने कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। फाइनल मैच में निकहत जरीन का सामना थाइलैंड की जुतामास जितपोंग के साथ होगा।
छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी ऐसी भारतीय महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब अपने नाम किये हैं। अब हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन के पास भी इस सूची में शामिल होने का मौका है। भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे। पिछले चरण में चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौंटी थीं जिसमें मंजू रानी ने रजत पदक जीता था जबकि मैरीकॉम ने कांस्य पदक के रूप में आठवां विश्व पदक अपने नाम किया था। अब मनीषा मौन (57 किग्रा) और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) अपने वर्ग के सेमीफाइनल के लिये रिंग में उतरेंगी।
प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं 310 मुक्केबाज
तुर्की के इस्तांबुल में इस बार 12वीं आईबीए महिला विश्न मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है। इसमें 73 देशों के कुल 310 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं। भारत, कजाकिस्तान, तुर्की और यूक्रेन से सर्वाधिक 12-12 मुक्केबाज यहां पहुंचे हैं।