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नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर सियासत गर्माई, अमित शाह समेत राजनाथ ने दिया ये बड़ा बयान

अशाेक यादव, लखनऊ। पश्चिम बंगाल में कोलकाता से दक्षिण 24 परगना जिले में जाने के दौरान डायमंड हार्बर इलाके में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर बृहस्पतिवार को हुए हमले को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी के दो प्रमुख नेताओं ने इस मामले को लेकर बयान दिया है।

मसले पर अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाये वो कम है। केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है। बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा।

अमित शाह ने कहा कि तृणमूल शासन में बंगाल अत्याचार, अराजकता और अंधकार के युग में जा चुका है। टीएमसी के राज में पश्चिम बंगाल के अंदर जिस तरह से राजनीतिक हिंसा को संस्थागत कर चरम सीमा पर पहुंचाया गया है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए दु:खद भी है और चिंताजनक भी।

वहीं राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रवास के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद मैंने उनसे फ़ोन पर बात करके उनके कुशल क्षेम की जानकारी प्राप्त की है। यह घटना पश्चिम बंगाल राज्य की गिरती क़ानून व्यवस्था का परिचायक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक नेताओं को इस तरह से निशाना बनाना बेहद चिंताजनक है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की गम्भीरता को देखते हुए इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए और इस घटना की ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

इसके अलावा जेपी नड्डा ने काफिले पर हमले के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि पश्चिम बंगाल ‘अराजक और असहिष्णु’ राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं बैठक के लिए यहां पहुंच पाया हूं तो यह मां दुर्गा की कृपा है। नड्डा ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार के गिने-चुने दिन बचे हैं, हमें इस ‘गुंडाराज’ को पराजित करना है।

वहीं मामले को लेकर केंद्र सरकार ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पश्चिम बंगाल दौरे के समय कथित ‘गंभीर सुरक्षा खामियों’ को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से मांगी गई है जब बुधवार को भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। अपने पत्र में घोष ने आरोप लगाया था कि 200 से अधिक लोगों की भीड़ लाठी और डंडों के साथ कोलकाता में भाजपा कार्यालय के सामने मौजूद थी और काले झंडे दिखा रही थी।

उन्होंने यह दावा भी किया था कि कुछ प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यालय के सामने खड़ी कारों पर चढ़ गए और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने भाजपा अध्यक्ष के दौरे के समय कथित ‘गंभीर सुरक्षा खामियों’ को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

घोष ने पत्र में यह दावा भी किया था कि आज कोलकाता में उनके (नड्डा के) कार्यक्रमों के दौरान यह देखा गया कि सुरक्षा इंतजामों में गंभीर खामियां थीं। यह पुलिस विभाग की लापरवाही या फिर ढीले-ढाले रवैये के कारण था। नड्डा पश्चिम बंगाल के दो दिनों के दौरे पर हैं। बृहस्पतिवार को डायमंड हार्बर इलाके में उनके काफिले पर पत्थर फेंके गए। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

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