अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को शारदा विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति कृत्रिम बुद्धिमत्ता से प्रभावित वर्तमान की पीढ़ी को प्रभावी बुद्धिमत्ता की ओर ले जाएगी।
इस नीति द्वारा प्रतिभा की पहचान के साथ-साथ उसका विकास और विस्तार भी किया जायेगा। डॉ निशंक ने कहा कि इस संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए एक परिवर्तन का दिन है और अब आप जहां भी जाएं, अपनी जड़ों से जुड़े रहें तथा अपने कार्यक्षेत्र में भारतीय जीवन मूल्यों की एक स्पष्ट छाप रखें।
इसके अलावा उन्होनें सभी छात्रों को लगातार अपडेट, अपग्रेड और एजुकेट रहते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि यह बेहद सराहनीय है कि शारदा यूनिवर्सिटी ने अपने 13 स्कूलों के माध्यम से 150 से अधिक शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान किए और इतने कम समय में एनआईएएफ़ रैंकिंग में 151 से 200 के बीच की श्रेणी में स्थान हासिल किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी नयी शिक्षा नीति ना सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में विचार-विमर्श का केंद्र रही और यह विश्व के सबसे बड़े रिफॉर्म के रूप में भी उभरी है। इस दौर में ऐसे रिफ़ॉर्म का कोई दूसरा उदाहरण पूरे विश्व में मौजूद नहीं है। इस नीति के माध्यम से हम सब भारत को एक वैश्विक ‘ज्ञान की महाशक्ति’के रूप में स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध भी हैं और सक्षम भी हैं।
इस कार्यक्रम में मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ रवि सिंह, विश्वविद्यालय के चांसलर पी के गुप्ता, प्रो-चांसलर वाई. के. गुप्ता, वाइस चांसलर प्रोफेसर शिबराम खारा एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं तथा अभिभावक रहे।