नई दिल्ली। सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच पर रोक लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दायर याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वीकार कर लिया है, यह सभी याचिकाएं गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) द्वारा दायर की गयी थी।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ की तरफ से कहा गया है कि अंतरिम स्तर पर जांच को रोकना उचित नहीं था । इसके अलावा पीठ ने हाईकोर्ट से SFIO जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं का गर्मी की छुट्टी के बाद दो महीने के भीतर निपटारा करने का भी अनुरोध किया है। SFIO जांच को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को सहारा कंपनियों द्वारा दायर किया गया था।
बताया जा रहा है कि सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड समेत सहारा के करीब 6 कंपनियों के निदेशक के खिलाफ जांच पर रोक लगाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के 5 जनवरी, 2022 के आदेश को चुनौती दी गयी थी। यह चुनौती SFIO की याचिकाओं द्वारा दी गयी थी।