थिम्पू। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को यहां पहुंचने पर कहा कि वह हिमालयी साम्राज्य के शीर्ष नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के दौरान भारत और भूटान के बीच एक सार्थक यात्रा और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। जयशंकर ने यहां अपने आगमन की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, “भूटान में आकर प्रसन्नता हुई। भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी को देखकर अच्छा लगा।”
भूटान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह यात्रा भूटान और भारत के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं के नियमित आदान-प्रदान की लंबे समय से स्थापित परंपरा को ध्यान में रखते हुए हो रही है। विदेश मंत्री मार्च 2020 में देश में कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से विदेश से भूटान पहुंचने वाले पहले उच्च-स्तरीय आगंतुक होंगे। मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग के पहले से मौजूद घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करेगी।
बयान में कहा गया है कि जयशंकर अपने भूटानी समकक्ष ल्योंपो टांडी दोरजी के निमंत्रण पर भूटान में हैं। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा था कि जयशंकर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मिलेंगे। वह भूटान के प्रधान मंत्री ल्योंचेन लोटे शेरिंग और विदेश मंत्री दोरजी से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और भूटान एक अद्वितीय और समय की कसौटी पर खरे द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं, जिसमें अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ है।”
बयान में कहा गया, “यात्रा के दौरान दोनों पक्ष आपसी हित के सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और जल विद्युत सहयोग शामिल हैं।” यह यात्रा द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और प्रमुख मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जयशंकर की बांग्लादेश और भूटान की तीन दिवसीय दो देशों की यात्रा का हिस्सा है।