नई दिल्ली। देश में बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए 22 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बनाए जा रहे हैं, जिनमें से छह पूरी तरह से संचालित अवस्था में हैं और 10 में ओपीडी सेवाएं शुरु हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान जैसी योजनायें चल रही हैं जिनका उद्देश्य आम जनता को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को निकटतम स्तान पर चिकित्सा सुविधा देना है। मंत्रालय में राज्य मंत्री डाॅ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि देश में एम्स अस्पतालों की संख्या 22 की जा रही है। इनमें से छह एम्स पूरी तरह से परिचालन की अवस्था में हैं और 10 में ओपीडी सेवायें शुरु हो गयी है। अन्य एम्स अस्पतालों का काम विभिन्न चरणों में चल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक एम्स में प्रतिदिन औसतन 15 हजार रोगियों काे देखा जा रहा है और प्रतिमाह सात हजार आपरेशन किए जा रहे हैं। प्रत्येक एम्स को चिकित्सा महाविद्यालय के साथ जोड़ने की योजना है। सरकार कुशल चिकित्सा कर्मियों की कमी को पूरा कर रही है और दूर दराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा सरकार 75 अस्पतालों को उन्नत कर रही है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में डाॅ. पवार ने कहा कि काम नहीं करने वाले डाॅक्टर और अन्य कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी और इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है।