अशाेक यादव, लखनऊ। भारत में कोविड-19 के 16,103 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,35,02,429 हो गयी है। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,11,711 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 31 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 5,25,199 पर पहुंच गयी है। आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,11,711 पर पहुंच गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.26 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 के मरीजों के स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.54 प्रतिशत है।
मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,143 मामलों की बढ़ोतरी हुई है। संक्रमण की दैनिक दर 4.27 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 3.81 प्रतिशत दर्ज की गयी। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,28,65,519 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.21 फीसदी है।
देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 197.95 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर 2020 को एक करोड़ से अधिक हो गए थे। देश में पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में देश में जिन 31 मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें से 14 लोग केरल के थे। इसके अलावा महाराष्ट्र से पांच, पश्चिम बंगाल से तीन, दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश से दो-दो और कर्नाटक, मध्य प्रदेश और मिजोरम से एक-एक मरीज की मौत हुई।
देश में संक्रमण के कारण अब तक 5,25,199 लोग जान गंवा चुके हैं, जिनमें से महाराष्ट्र में 1,47,934, केरल में 70,037, कर्नाटक में 40,119, तमिलनाडु में 38,026, दिल्ली में 26,266, उत्तर प्रदेश में 23,540 और पश्चिम बंगाल में 21,222 लोगों की मौत हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।