लखनऊ। कोरोना वायरस का असर भारत समेत दुनिया की 15 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को अपनी चपेट में ले चुका है। इसके खतरे को देखते हुए महज 2 महीनों में ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने ग्लोबल इकोनॉमी की विकास दर के अनुमान में भारी कटौती की है।
चीन से शुरू हुए इस वायरस का असर दुनिया के करीब 100 देशों में देखा जा रहा है। लेकिन दुनिया की जिन 15 दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं में इसका सबसे ज्यादा असर होने की आशंका है, उनमें भारत भी शामिल है। इसका दावा खुद संयुक्त राष्ट्र की कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवेलपमेंट यानी UNCTAD ने किया है।
भारत पर इसका असर पड़ने की वजह चीन से सप्लाई चेन के तौर पर जुड़ा होना है। भारत में गाड़ी, मोबाइल, AC, फ्रिज, टीवी समेत कितने ही प्रॉडक्ट्स के लिए कच्चा माल चीन से आता है। लेकिन चीन में उत्पादन में आई कमी का असर भारत से होने वाले उसके व्यापार पर भी पड़ा है।
ज्वेलरी सेक्टर
जवाहरात और ज्वैलरी उद्योग को भी अपने चीन और हॉन्गकॉन्ग जैसे मार्केट्स के ठप होने से सवा अरब डॉलर के नुकसान की आशंका है।इसके अलावा भी कितने ही सेक्टर्स हैं जिनमें गिरावट का माहौल बना हुआ है। जिस तरह से जनवरी में IIP में 2 परसेंट का उछाल आया था और पीएमआई ने भी जनवरी-फरवरी में इकॉनमी के हालात सुधरने के संकेत दिए थे।
रियल एस्टेट सेक्टर
मॉल्स-दुकानें-मूवीज बंद होने से रियल एस्टेट के लीज़िंग मॉडल को सीधे चोट पहुंच रही है. लोगों के घरों से ना निकलने की वजह से पहले ही मंदी से परेशान रियल एस्टेट को बड़ा नुकसान होने की आशंका है।
फॉर्मा सेक्टर
कोरोना के इलाज के लिए जिन दवाओं और दूसरे मेडिकल उपकरणों की जरुरत है वो भी डिमांड के बावजूद कमी का सामना कर रहे हैं। फॉर्मा सेक्टर को इस वक्त मास्क, सैनेटाइजर समेत कई जरूरी दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ा रहा है।
ऑटो सेक्टर
ऑटो सेक्टर में उत्पादन चीन से कच्चा माल ना आने के चलते थमने की आशंका पैदा हो गई है। ऑटो सेक्टर को 1 अप्रैल से बीएस-6 पर शिफ्ट होना है, जिसके लिए भी पार्ट्स चीन से आते हैं।
भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अपने कुल पार्ट्स का 27 फीसदी चीन से आयात करता है। अब इसमें रुकावट आने और मंदी के बीच इस साल वाहनों की डिमांड में 8.3 फीसदी की गिरावट की आशंका है। इसके साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कोरोना बुरी खबर लेकर आया है।