सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश लम्पी स्किन डिजीज का 1.50 करोड़ टीकाकरण करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह उपलब्धि विगत 2 माह के अभियान की है। देश में दूसरा स्थान गुजरात राज्य का है जहाँ विगत 4 माह में लगभग 63 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया।
देश के विभिन्न प्रदेशों में फैली गोवंश की महामारी को समयबद्ध रूप से नियंत्रित करने हेतु मुख्यमंत्री की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में कोविड महामारी की भाँति टीकाकरण का अभियान मिशन मोड में चलाया गया। मंत्री, पशुधन, धर्मपाल सिंह द्वारा उक्त कार्य का निरन्तर अनुश्रवण करते हुए अस्वस्थ पशुओं की समुचित चिकित्सा किये जाने के निर्देश दिये गये।
- वर्तमान में प्रदेश के 32 जनपद लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित हैं। उक्त प्रभावित जनपदों में कुल लगभग 1.05 लाख पशु प्रभावित हुए, जिनकी घर-घर जाकर पशु चिकित्सकों की समुचित चिकित्सा के उपरान्त 1 लाख से अधिक गोवंश रोग मुक्त हो चुके हैं। इस प्रकार प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज से रिकवरी रेट 95 प्रतिशत है, जो देश में एक उत्कृष्ट प्रदर्शन है ।
- प्रदेश में पशुपालन विभाग ने मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में कई अभिनव प्रयोग किये। सर्वप्रथम अगस्त के द्वितीय सप्ताह में लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण वाले गोवंश पाये जाने पर विभाग द्वारा टीम-9 का गठन किया गया, जिसके वरिष्ठ नोडल अधिकारियों द्वारा प्रदेश के बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा एवं अलीगढ़ मण्डलों को सघन भ्रमण कर व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त किया गया।
द्वितीय, अभियान को सार्थक बनाने के लिए ऑनलाइन एवं आफलाइन ट्रेनिंग में हाईब्रिड मॉडल अपनाया गया है। टीकाकरण कार्य में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालयों के छात्रों एवं निजी टीकाकरण कार्यकर्ताओं का भी सक्रिय सहयोग लिया गया। - तृतीय, रोग की आकस्मिकता को दृष्टिगत रखते हुए 17.50 लाख डोज वैक्सीन की आपात व्यवस्था कर माह अगस्त में ही टीकाकरण प्रारम्भ कर दिया गया। सर्वप्रथम प्रदेश के पश्चिमांचल के 25 प्रभावित जनपदों में रिंग टीकाकरण का कार्य प्रारम्भ किया गया। तत्पश्चात रोग प्रसार पश्चिमांचल के जनपदों से प्रदेश के मध्य एवं पूर्वी प्रदेश में न हो इसलिए शासन द्वारा जनपद पीलीभीत से इटावा तक, नेपाल एवं मध्य प्रदेश के बीच 320 किलोमीटर लम्बाई में 10 किलोमीटर चौड़ी पट्टी (बेल्ट वैक्सीनेशन) बनाने का निर्णय लिया गया। बेल्ट वैक्सीनेशन में उक्त क्षेत्र में आने वाले समस्त गोवंश का टीकाकरण किया गया, जिससे रोग की पूर्व की ओर बढ़त को रोकने में सफलता मिली।
- चतुर्थ, चिकित्सकों की टीम द्वारा 26 जिलों में 89 डेडीकेटेड गो चिकित्सा स्थल बनाये गये। Focused LSD Treatment करके रोग के संचरण को रोका गया।
पंचम, टीकाकरण हेतु स्टेगर्ड स्ट्रेटजी (चरणबद्ध रणनीति अपनायी गयी। प्रथमतः प्रदेश में स्थापित समस्त गो आश्रय स्थलों एवं गौशालाओं में संरक्षित गोवंश का वृहद स्तर पर टीकाकरण करते हुए इसी के साथ अन्तर्जनपदीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर समस्त गोवंश के टीकाकरण को प्राथमिकता दी गयी। पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों पर तत्पश्चात् मध्य एवं बुन्देलखण्ड एवं अन्त में पूर्वी उत्तर प्रदेश को टेकअप किया गया। सभी जिलों के सीमावर्ती ब्लाकों को तथा महानगरों के चारों ओर के गाँव प्राथमिकता पर आच्छादित किये गये । - 1.50 करोड़ टीकाकरण का कीर्तिमान लगभग 2000 टीमों द्वारा पूर्ण किया गया। लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम हेतु दिनांक 31 अक्टूबर, 2022 तक 1.60 करोड़ टीकाकरण किये जाने का लक्ष्य है।
अपर मुख्य सचिव, पशुधन ने बताया कि मुख्यमंत्री के सतत् मार्गदर्शन तथा पशुधन मंत्री के निरन्तर अनुश्रवण के परिणामस्वरूप लम्पी स्किन डिजीज पर प्रदेश में काफी हद तक नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता मिली है। उन्होंने आगामी माह नवम्बर में भी सभी कृषकों तथा पशुपालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।