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डब्ल्यूएचओ की कोवैक्स फैसिलिटी से जुड़े 172 देश

अशाेेेक यादव, लखनऊ। दुनिया भर में विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन को शीघ्र एवं निष्यक्ष तरीके से सभी देशों तक पहुंचाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुरु की गयी कोवैक्स फैसिलिटी से अब तक 172 देश जुड़े हैं।

डब्ल्यूएचओ की इस मुहिम में वैक्सीन विकसित करने वाले नौ वैक्सीन निर्माता भी उससे जुड़े हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेद्रोस अधानोम गेब्रेसस ने आज कहा कि गत सप्ताह उन्होंने सभी 194 सदस्य राष्ट्रों को पत्र लिखकर उनसे कोवैक्स फैसिलिटी में जुड़ने का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अब तक 172 देश कोवैक्स ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी के साथ जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के निर्माण के तुरंत पर इसकी आपूर्ति सीमित रहेगी, इसी कारण दुनिया भर में पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जो भी व्यक्ति इसके खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर हैं, उन्हें यह पहले मुहैया करायी जाये।

स्वास्थ्यकर्मियों को सबसे पहले वैक्सीन दी जाने चाहिए क्योंकि वे महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर रहकर कई जिंदगियां बचा रहे हैं और पूरी स्वास्थ्य प्रणाली को स्थिर रखे हुए हैं। इसके अलावा 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों तथा किसी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके बाद जब आपूर्ति बढ़ेगी तो अन्य लोगों को वैक्सीन देनी चाहिए।

कोवैक्स ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी कार्यक्रम में शामिल सभी देशों के बीच कोरोना वैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावी साबित होने पर उसका निष्पक्ष बंटवारा किया जायेगा ताकि कोई भी देश वैक्सीन से वंचित न रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अब तक दुनिया भर में कई खरब डॉलर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खर्च किये जा चुके हैं।

कोवैक्स फैसिलिटी में निवेश करने से इस महामारी को जल्द खत्म किया जा सकता है और सतत आर्थिक सुधार की उम्मीद की जा सकती है। इस महामारी से एकजुटता के साथ ही निपटना संभव है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने साथ ही यह जानकारी भी दी कि नौ वैक्सीन निर्माता इस मुहिम में डब्ल्यूएचओ के साथ हैं और चार अन्य वैक्सीन निर्माताओं से इस संदर्भ में बातचीत की जा रही है।

इसके अलावा अन्य नौ वैक्सीन निर्माताओं का मूल्यांकन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई वैक्सीन अंतिम चरण के परीक्षण में हैं और हमें उम्मीद है कि विकसित की जा रही कई वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी साबित होगी। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य 2021 के अंत तक कम से कम दो अरब वैक्सीन डोज की आपूर्ति का है और इसके लिए कोवैक्स फैसिलिटी में अधिक निवेश की आवश्यक है।

यह काम आपसी सहयोग से ही संभव है। इसके अलावा एक तरफ जब वैक्सीन के शोध और विकास में निवेश किया जा रहा है तो दूसरी तरफ सभी को कोविड-19 समुचित व्यवहार को अपनाना चाहिए। सामाजिक दूरी का पालन करके, नियमित रूप से हाथों की सफाई करके, मास्क को पहनकर और जानकार बनकर कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करना चाहिए।

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