लखनऊ। डब्ल्ययूएचओ ने कोरोना वायरस को माहामारी घोषित कर दिया है। लेकिन अब कोरोना का कोहराम दुनियाभर के शेयर बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है।
कोरोना वायरस की वजह से भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों की हालत खस्ता है। दुनिया भर में निवेशकों में अफरातफरी मच गई है। बाजार ध्वस्त हो गए है।
सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी। कारोबार के दौरान बीएसई के सेंसेक्स ने 3200 अंक तक लुढ़का तो वहीं। एनएसई का निफ्टी भी करीब 1000 अंक की गिरावट दर्ज की गई।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 8.18% यानी 2919.26 अंक टूटकर 32,778.14 के स्तर पर बंद हुआ। अगर निफ्टी की बात करें तो 868.25 अंक यानी 8.30 फीसदी लुढ़क कर 9,590.15 अंक पर रहा। इस गिरावट में निवेशकों के 11 लाख करोड़ रूपये से ज्यादा डूब गए है।
कोरोना वायरस के वजह से जिस ग्लोबल इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त पड़ने का खतरा मंडराया है। उससे दुनियाभर के शेयर बाजार में कोहराम मचा दिया है।
सुबह 11 बजे के बाद सेंसेक्स 2650 अंक तो निफ्टी 750 अंक तक गिर गया। इस दौरान सेंसेक्स 33 हजार 250 अंक पर कारोबार करता दिखा. इसी तरह, निफ्टी 9 हजार 750 अंक पर रहा। निफ्टी, सितंबर 2017 के बाद इस स्तर पर आया है।
बता दें कि बीते एक हफ्ते में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 17 लाख करोड़ रुपये तक घट गया है। यानी निवेशकों को 17 लाख करोड़ का नुकसान हो गया है।
कोरोना के कारण देश में मचे अफरातफरी को देखते हुए। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना से बचने के सभी यूरोपीय देशों के अलावा सभी यूरोपीय देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर अगले 30 के लिए रोक लगा दी है।
दुनियाभर के सरकार जिस तरह के एहतियात बरत रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था मंदी बढ़ने की आशंका है। देश के तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन, यूरोपीय संघ और अमेरिका में आर्थिक गतिविधियाों के प्रभावित होने से भारत पर इसका बेसुमार असर देखने को मिल सकता है।
सेंसेक्स और निफ्टी में ऐसा कोई सेंक्टर नहीं है। जिसे इस गिरावट की मार न झेलनी ना पड़ी हो। तेल, गैस सेक्टर में 9.89 फीसदी की गिरावट हुई। वहीं रियलिटी उद्योग व बैंकिंग कंपनियों में 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।