अशाेेेक यादव, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ट्रेन से वापस घर लाए जा रहे मजदूरों से पैसे लिए जाने की खबर बेहद शर्मनाक है।
उन्होंने ट्वीट कर कोविड केयर फंड पर भी सवाल उठाया और कहा कि अगर गरीबों से ही पैसे लेने थे तो फंड में जो खरबों रुपया डलवाया गया है, उसका क्या होगा? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूपी में भी आरोग्य सेतु एप से 100-100 रुपए वसूले जाने की खबर है।
ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मज़दूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की ख़बर बेहद शर्मनाक है. आज साफ़ हो गया है कि पूँजीपतियों का अरबों माफ़ करनेवाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के ख़िलाफ़.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 3, 2020
विपत्ति के समय शोषण करना सूदखोरों का काम होता है, सरकार का नहीं.
अखिलेश यादव ने रविवार सुबह एक के बाद एक दो ट्वीट किए उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा, ‘ट्रेन से वापस घर लाए जा रहे गरीब, बेबस मज़दूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की ख़बर बेहद शर्मनाक है।
आज साफ़ हो गया है कि पूंजीपतियों का अरबों माफ़ करनेवाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के ख़िलाफ़। विपत्ति के समय शोषण करना सूदखोरों का काम होता है, सरकार का नहीं।
दूसरे ट्वीट में यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा, ‘अब तो भाजपा के आहत समर्थक भी यह सोच रहे हैं कि अगर समाज के सबसे ग़रीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार को पैसे लेने थे, तो तरह-तरह के फंड में जो खरबों रुपया तमाम दबाव व भावनात्मक अपील करके डलवाया गया है, उसका क्या होगा? अब तो यूपी में आरोग्य सेतु एप से भी 100 रु वसूलने की ख़बर है।
अब तो भाजपा के आहत समर्थक भी ये सोच रहे हैं कि अगर समाज के सबसे ग़रीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार को पैसे लेने थे तो PM Cares Fund में जो खरबों रुपया तमाम दबाव व भावनात्मक अपील करके डलवाया गया है उसका क्या होगा? अब तो आरोग्य सेतु एप से भी इस फंड में 100 रु वसूलने की ख़बर है
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 3, 2020
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नासिक से करीब 850 मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लखनऊ पहुंचे हैं। सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग करवाकर उन्हें बसों के माध्यम से उनके जिले में भेजा गया है, जहां सभी को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। बता दें कि करीब 6 स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से देश के अलग-लग राज्यों में मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा रहा है।