नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पांच भाषाओं को राजभाषा बनाया जाएगा और इसके लिए संसद में एक विधेयक लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने जम्मू कश्मीर के राजभाषा विभाग को मंजूरी दे दी है और इसमें 5 भाषाओं को शामिल किया गया है।
इनमें हिंदी, उर्दू, कश्मीरी और डोगरी के अलावा अंग्रेजी भी है।
जावड़ेकर ने बताया कि इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।
इसलिए वह अभी इस कानून के बारे में और विशेष जानकारी नहीं दे रहे हैं।