अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ : पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की गरिमामयी उपस्थित में आज पर्यटन निदेशालय गोमतीनगर में लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग उ0प्र0) एवं उ0प्र0 राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद, गोविन्द बल्लभपन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान, प्रयागराज तथा छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
इस अवसर पर प्रो0 बद्री नारायण, निदेशक, गोविन्द बल्लभपन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान प्रयागराज, प्रो0 सुधीर अवस्थी, प्रतिकुलपति छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, प्रो0 सीमा सिंह, उ0प्र0 राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद, अतुल द्विवेदी, निदेशक, लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग उ0प्र0) मौजूद थे।
समझौता ज्ञापन संपन्न होने के पश्चात पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के संकल्पों पर तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिससे जनजाति कला का व्यापक प्रचार प्रसार सम्भव हो सके। उन्होंने कहा कि जनजाति कला प्राचीन भारतीय मूल्यों से ओतप्रोत है। इसको बढ़ावा दिये जाने के लिए आवश्यकता है। मंत्री, संस्कृति ने कहा कि एम0ओ0यू0 भावी पीढी के छात्र-छात्राओं, युवाओं तक पहॅुचने का माध्यम बनेगा और हम अपनी प्राचीन परम्परा विरासत को नयी पीढी को परिचित करा सकेंगे।
जयवीर सिंह ने कहा कि इस एम0ओ0यू0 से समाज में शिक्षा एवं संस्कृति के व्यापक प्रचार-प्रसार में बहुत मदद मिलेगी। संस्थाये अपनी सहयोग द्वारा लोक कलाओं एवं जनजातीय कलाओं एवं कलाकारों के हित में बहुत से कार्यक्रम आयोजित कर पायेगे। अधिक से अधिक लोक कलाकार इसके माध्यम से अपनी प्रतिभाग का प्रदर्शन कर पायेंगे।
इस अवसर पर आनन्द कुमार विशेष सचिव, संस्कृति विभाग, तुहित द्विवेदी, सहायक निदेशक, संस्कृति निदेशालय एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। निदेशक, अतुल द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभी लोगो ने मंत्री जो पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
जनजाति कला को बढ़ावा देने हेतु समझौता ज्ञापन भावी पीढ़ी तक पहुंचने का बनेगा माध्यम : जयवीर सिंह
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