राहुल यादव, लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव, राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सोमवार को प्रमुख सचिव, चिकित्सा को पत्र लिख कर कहा है कि जनपदों से शिकायत प्राप्त हो रही है कि कुछ निजी चिकित्सालयों द्वारा अपने चिकित्सालय या तो इस समय बन्द कर दिये गये हैं या उनके द्वारा अधिकांश मरीजों को देखा ही नहीं जा रहा है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि लॉक डाउन के दौरान निजी चिकित्सालयों को खोलने की व्यवस्था की जाए। चिकित्सालय के प्रबन्धकों को निर्देशित किया जाए कि वे चिकित्सा एवं उपचार हेतु प्रयोग में आने वाले उपकरण को क्रियाशील रखें, चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की एक निश्चित अवधि के लिए उपस्थिति सुनिश्चित करें तथा दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखें ।
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उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें अवगत कराया जाय कि सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए भी मरीजों को देखा जा सकता है । चिकित्सालयों में समुचित चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करने हेतु IMA ( Indian Medical Association ) का सहयोग भी प्राप्त किया जाए और यदि कोई चिकित्सालय वार्ता के बाद भी उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं करता है तो समुचित प्रावधानों के अन्तर्गत उनके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें ।