अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चारधाम देवस्थान प्रबंधन बोर्ड के जरिये चारों धाम एवं 51 अन्य तीर्थस्थलों पर सरकारी नियंत्रण को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
स्वामी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 21 जुलाई 2020 के उस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसके तहत उनकी याचिका निरस्त की गयी थी।
स्वामी ने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन करके चारों धामों और अन्य 51 तीर्थ स्थानों पर राज्य सरकार द्वारा नियंत्रण लिये जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जहां से उन्हें निराशा हाथ लगी थी, उसके बाद वह सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे हैं।
भाजपा नेता ने कहा है कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में केवल मंदिर ही सरकार के नियंत्रण में है, जबकि मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल नहीं। उन्होंने चारों धाम मंदिर और अन्य 51 तीर्थस्थलों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने की मांग की है।
इस मामले में दो गैर सरकारी संगठनों- ‘पीपुल फॉर धर्म’ और ‘इंडिक कॉलेक्टिव ट्रस्ट’- ने भी उच्च न्यायालय के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं। उच्च न्यायालय ने गत 21 जुलाई को दिये फैसले में चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन एक्ट, 2019 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है।