जम्मू-कश्मीर। घाटी के हालात इस समय काफी खराब होते दिखाई दे रहे है। बतादें कि कश्मीर में लगातार हो रही टारगेटे किलिंग के बीच सरकार की ओर से श्रीनगर में सुरक्षित माने जाने वाली जगहों और कश्मीर में जिला मुख्यालयों पर ट्रांसफर किए गए 177 शिक्षकों के नाम मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर लीक हो गए हैं।
इसके बाद कश्मीरी पंडित शिक्षकों ने गुस्से में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तवी पुल को जाम कर दिया। गुस्साए कर्मचारियों ने कहा कि हमरा ट्रांसफर कश्मीर के बाहर करने की बजाय सरकार ने सूची को सार्वजनिक करके आतंकियों को न्योता दिया है।
पिछले करीब 4 दिनों से अपनी ट्रांसफर की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कश्मीर से लौटे हिंदू सरकारी कर्मचारी अब सरकार के खिलाफ खुलकर उतर आए हैं और अपनी ट्रांसफर की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. भड़के कर्मचारियों ने शनिवार को जम्मू में तवी पुल जाम किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरकार ने साफ कर दिया है कि घाटी से किसी भी सरकारी कर्मचारी का ट्रांसफर जम्मू में नहीं होगा। सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि वह पिछले 15 सालों से कश्मीर घाटी में बिना किसी सुरक्षा के काम कर रहे हैं, लेकिन अब जो हालात कश्मीर घाटी में बने हैं, उसमें वह अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
बीजेपी ने ट्रांसफर सूची लीक होने पर जताई आपत्ति
बीजेपी प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने एक बयान में कहा, ‘स्थानांतरण सूची को सोशल मीडिया मंचों पर सार्वजनिक किया जाना सुरक्षा में बड़ी सेंध है, क्योंकि अब आतंकवादियों को यह स्पष्ट अंदाजा हो जाएगा कि उन्हें कहां पदस्थ किया गया है।’ उन्होंने सूची लीक होने के मामले में सरकार से कड़ी कार्रवाई करने और उन लोगों का पता लगाने का अनुरोध किया, जिन्होंने ऐसे समय में सूची सार्वजनिक की है जब कश्मीर घाटी में चुनिंदा तरीके से हत्याएं की जा रही हैं।